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भारत में खालिस्तानी अलगाववादी आंदोलन में विदेशी षड्यंत्र की संभावित भूमिका
खालिस्तान का मुद्दा भारत और उसके कई देशों के साथ संबंधों को किसी न किसी रूप में प्रभावित करता रहा है। कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों में कई अवसरों पर ऐसी घटनाएं देखी गई हैं, जब खालिस्तान आंदोलन को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने की बात सामने आई है। चूंकि यह मुद्दा भारत के एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ा हुआ है, इसलिए विदेशी धरती पर ऐसे किसी प्रकरण और गतिविधि पर नियंत्रण करने के लिए द्विपक्षीय स्तर पर कई प्रकार के उपाय करने अपेक्षित हो जाते हैं। हाल ही में ऐसा मुद्दा कनाडा में फिर से उभरा, जब कनाडा के ब्रांपटन शहर में खालिस्तानी अराजक तत्वों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं वर्षगांठ को सेलिब्रेट किया। इसके लिए खालिस्तानी तत्वों ने ब्रांपटन शहर में एक परेड का आयोजन भी किया। इस संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक 6 सेकंड का विडियो क्लिप भी प्रसारित किया गया जिसमें कनाडा की सड़कों पर किए गए परेड में भूतपूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर प्रसन्नता जाहिर की गई है। 5 किलोमीटर लंबी इस परेड की एक झांकी में इंदिरा गांधी की हत्या का सीन दिखाया गया। झांकी में इंदिरा गांधी को खून से सनी साड़ी पहने दिखाया गया है, उनके हाथ ऊपर हैं, दूसरी तरफ दो व्यक्ति उनकी तरफ बंदूक ताने खड़े हैं। इसके पीछे लिखा था- 'बदला'
इस गंभीर घटना के बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा में मनाए गए इस जश्न पर कड़ी टिप्पणी की। भारत के विदेश मंत्री का कहना था कि कनाडा लगातार अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा का समर्थन करने वालों को फलने-फूलने का मौका दे रहा है तथा भारत को इसकी वजह समझ नहीं आती सिवाए इसके कि ये वोट बैंक की जरूरत है। विदेश मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्हें लगता है कि ये आपसी रिश्तों और कनाडा के लिए ठीक नहीं है। भारत में कनाडा के उच्चायोग ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि कनाडा में नफरत और हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई जगह नहीं है। कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि 'मैं कनाडा में आयोजित उस कार्यक्रम की खबरें सुनकर दंग हूं जिसमें दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं इस तरह की गतिविधियों की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं।'
चूंकि ऐसे प्रकरण विभाजनकारी राजनीति भारत में धार्मिक समुदायों के मध्य शत्रुता और द्वेष की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं. इसलिए ऐसे मुद्दे से संवेदनशील तरीके से निपटना जरूरी हो जाता है। भले ही कनाडा ने कह दिया है कि उसे खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों की परेड का अफसोस है लेकिन निर्णायक कार्यवाही अभी शेष है। विदेशी धरती पर भारत को निशाना बनाने का यह पहला अवसर नहीं है। भारत विरोधी जनमत संग्रह, इवेंट्स आयोजित करना, हिंदू मंदिरों को विरूपित करने का प्रयास करना भारतीयों के खिलाफ हिंसक गतिविधियां देखी गई हैं। इसलिए खालिस्तानी अलगाववादियों से निपटने के लिए ठोस रणनीति पर कार्य करना आवश्यक हो गया है। यहीं कारण है कि केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कनाडा सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की है और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चेतावनी भी दे डाली है कि कनाडा के साथ भारत के संबंध इस तरह की घटनाओं के चलते खराब भी हो सकते हैं। कोई भी हत्या की घटना एक अपराध है और एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसका बिल्कुल भी जश्न नहीं मनाया जा सकता। यह सब कनाडा में हुआ है जो कनाडा सरकार को कानून व्यवस्था के अंतर्गत आता है, ऐसे में कनाडा सरकार को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।
खालिस्तान की मांग का इतिहास
आनंदपुर साहिब प्रस्ताव में 3 मुख्य बातें कही गई थीं:
1. पंजाब को जम्मू-कश्मीर की तरह स्वायत्तता मिले जिसमें केवल रक्षा, विदेश, संचार और मुद्रा पर केंद्र का दखल रहे।
2. केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ को पूरी तरह से पंजाब को सौंप दिया जाए।
3. पूरे देश में गुरुद्वारा समिति का निर्माण हो और सिखों को सेना में अधिक जगह मिले।
विदेशी धरती पर खालिस्तान की मांग और प्रदर्शनः
खालिस्तानी अलगाववादियों से आईएसआई के संबंध:
खालिस्तानी आंदोलन और उससे जुड़े आंदोलनकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा इसलिए भी हैं क्योंकि इनके आईएसआई के साथ लिंक होने के साक्ष्य कई अवसरों पर मिले हैं। आईएसआई से संबंधों का आरोप भारत की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट पर आधारित है। खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के जरिये भारत में हथियार मंगा रहा था। वह अपने कट्टरपंथी उपदेशों के जरिये पंजाब को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश करके विदेशी धरती पर सिखों को गुमराह करने के प्रयास करता रहा है। अमृतपाल सिंह ने युवाओं को हथियार संस्कृति की ओर ले जाने का काम किया। अमृतपाल और उसके सहयोगियों पर समाज में वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमला तथा सरकारी कर्मचारियों के काम में रुकावट डालने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 13 July, 2023, 4:03 pm
Author Info : Baten UP Ki