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कोइल से अलीगढ़ तक का सफर

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उत्तरप्रदेश का जिला अलीगढ़ हमेशा से काफी लोकप्रिय रहा है। यह जिला दिल्ली से 130 किमी दक्षिणपूर्व और लखनऊ से 342 किमी पश्चिमोत्तर में स्थित है। 18वीं शताब्दी में इस शहर का नाम कोइल या कोल था। बताया जाता है कि शहर का कोल नाम दोर जनजाति से जुड़े लोगों ने रखीं थी। अलीगढ़ जिला राज्य में जनसंख्या की दृष्टि से 19वां स्थान पर है। 2011 की जनगणना के अनुसार अलीगढ़ की जनसंख्या 874408 थी जिसमें पुरुषों की जनसंख्या 61772 और महिलाओं की जनसंख्या 412636 थी। जबकि अलीगढ़ की साक्षरता दर 59.37 प्रतिशत है और जिले का लिंगानुपात यानी प्रति हजार पुरुषों पर 882 महिलाएं हैं।

अलीगढ़ को कहा जाता है तालों की नगरी 

अलीगढ़ अपने इतिहास, शिक्षा और तालों के लिए जाना जाता हैं। बताया जाता है कि शहर का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा हुआ है। अलीगढ़ के ताले सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे देश-विदेश में मशहूर है। यह शहर कुटीर उद्योग के लिए भी जाना जाता है। जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, मछली पालन, उद्योग,पशुपालन और व्यवसाय पर आधारित है। सबसे महत्वपूर्ण आपको बता दें कि अलीगढ़ को दोआब का क्षेत्र माना जाता है दरअसल ये दो नदियों गंगा और यमुना के बीच स्थित है। यहां नीम, रुतबा, सिरसा, बड़गंगा,सेंगर, छोइया, रद और काली नदियों का भी अस्तित्व मिलता है। लेकिन मौजूदा समय में गंगा, यमुना और काली नदी को छोड़कर बाकी सारी नदियां विलुप्त हो चुकी हैं।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का इतिहास 

यूपी का तीसरा सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय है 'अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय' । यह भारत के प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 1920 में सर सैयद अहमद खान द्वारा की गई थी और 1921 में भारतीय संसद के एक अधिनियम के माध्यम से केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। आपको बता दें कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया यह पहला उच्च शिक्षण संस्थान था।

पहले इस कॉलेज का नाम मुसलमान एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) था, जिसे बाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के नाम से दुनिया भर में जाना जाने लगा। आपको बता दें कि 1877 में बने MAO कॉलेज को विघटित कर 1920 में ब्रिटिश सरकार की सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली के एक्ट के जरिए AMU एक्ट लाया गया। संसद ने 1951 में AMU संशोधन एक्ट पारित किया, जिसके बाद इस संस्थान के दरवाजे गैर-मुसलमानों के लिए खोले गए। सबसे महत्वपूर्ण बात आपको बता दें कि एएमयू से ग्रेजुएट करने वाले पहले शख्स हिंदू थे और उनका नाम था 'इश्वरी प्रसाद'। 

पर्यटन के दृष्टि से भी लोकप्रिय है शहर 

यूपी का ये शहर पर्यटन के दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है. यहां का भगवान शिव का प्रसिद्ध खेरेश्वर मंदिर, अलीगढ़ का किला और जमा मस्जिद प्रसिद्ध है। यहां एशिया की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है, यह मौलाना आजाद लाईब्रेरी 4.75 एकड़ में फैली हुई है।

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