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सिविल सेवा में अब जवानों के बच्चे भी बनाएंगे नया मुकाम, "ध्येय फाउंडेशन" निभाएगा अहम भूमिका

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केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के कार्मिकों एवं उनके परिवारों के शैक्षणिक और करियर सशक्तिकरण के लिए सोमवार (2 जून) को एक महत्वपूर्ण पहल की गई। लखनऊ स्थित ग्रुप सेंटर सीआरपीएफ में सीआरपीएफ की ओर से RCWA (CRPF Wives Welfare Association) और प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान "ध्येय फाउंडेशन" के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते पर ध्येय फाउंडेशन की ओर से वरिष्ठ अधिकारी विजय सिंह ने हस्ताक्षर किए।  इस समझौते का उद्देश्य सुरक्षा कर्मियों के आश्रितों और बच्चों को सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी के लिए संसाधन उपलब्ध कराना है।

गुणवत्तापूर्ण कोचिंग, वह भी रियायती दरों पर

इस समझौते के अंतर्गत ध्येय फाउंडेशन अब सीआरपीएफ के शहीद, सेवानिवृत्त, स्वैच्छिक सेवानिवृत्त और वर्तमान में सेवारत कर्मियों के बच्चों को सिविल सेवा (IAS), राज्य PCS, न्यायिक सेवा, APO तथा विधि प्रवेश परीक्षाओं के लिए रियायती दरों पर कोचिंग और टेस्ट सीरीज उपलब्ध कराएगा। इससे इन छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ हो सकेगी।

शिक्षा के ज़रिए सशक्तिकरण की दिशा में कदम

यह समझौता RCWA के कल्याणकारी प्रयासों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सीआरपीएफ परिवारों को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। ध्येय फाउंडेशन के साथ यह साझेदारी युवाओं को सिविल एवं न्यायिक सेवाओं जैसे प्रतिष्ठित करियर की ओर प्रेरित करेगी।

उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में हुआ हस्ताक्षर

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर ग्रुप सेंटर सीआरपीएफ, लखनऊ में किए गए। इस मौके पर उप महानिरीक्षक (DIG), GC, CRPF और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा ध्येय फाउंडेशन के प्रतिनिधि मौजूद रहे। DIG ने इस अवसर पर कहा:

"इस तरह की पहल न केवल हमारे बल कर्मियों के परिवारों को शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत बनाएगी, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी इनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करेगी।"

ध्येय फाउंडेशन की भूमिका की सराहना

कार्यक्रम में ध्येय फाउंडेशन द्वारा शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की भूमिका की सराहना की गई। यह सहयोग एक उदाहरण है कि कैसे शासकीय बल और शैक्षिक संस्थान मिलकर समाज के वंचित तबकों को अवसर दे सकते हैं। यह समझौता केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि उन लाखों परिवारों के लिए आशा की किरण है जो सीमाओं की रक्षा में जुटे अपने प्रियजनों के बलिदान और सेवा को शिक्षा के माध्यम से नई दिशा देना चाहते हैं।

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