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उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों लखनऊ और कानपुर के बीच अब सफर और भी आसान होने जा रहा है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) ने लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल प्रोजेक्ट की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ा दिया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और NOC (अनापत्ति प्रमाणपत्र) जारी कर दिया गया है। इससे इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट को नई गति मिल गई है।
अमौसी एयरपोर्ट से शुरू होगा सफर, 40 मिनट में पहुंचेगा कानपुर
रैपिड रेल की शुरुआत लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से होगी और यह कानपुर के गंगा बैराज तक पहुंचेगी। यह सफर महज 40 से 50 मिनट में पूरा हो सकेगा, जो मौजूदा सड़क मार्ग के मुकाबले आधे से भी कम समय में होगा। वर्तमान में लखनऊ-कानपुर सड़क मार्ग से 90 से 120 मिनट का समय लगता है।
तकनीकी रूप से अत्याधुनिक, कोहरे में भी नहीं रुकेगी
यह रैपिड रेल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगी, जिसमें कोहरे और अन्य प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भी संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। NCRTC पहले ही दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर में इस तकनीक का उपयोग कर रहा है और अब उसी मॉडल को लखनऊ-कानपुर रूट पर लागू किया जाएगा।
लखनऊ की महायोजना से होगा तालमेल
NCRTC की टीम ने हाल ही में लखनऊ का दौरा किया और LDA के अधिकारियों के साथ बैठक की। LDA ने स्पष्ट किया है कि रैपिड रेल परियोजना लखनऊ की महायोजना (Master Plan) के अनुरूप है, बशर्ते डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करते समय नगर नियोजन के मानकों का पालन किया जाए।
विकास के नए अवसर: रोजगार, औद्योगिक और आवासीय विस्तार
इस परियोजना से सिर्फ यात्रा ही नहीं, बल्कि अमौसी से जैतीपुर और अजगैन तक औद्योगिक कॉरिडोर और वेयरहाउसिंग, वहीं बैराज क्षेत्र में नियोजित आवासीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। यह रैपिड रेल न केवल इंटरसिटी ट्रैवल को तेज बनाएगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी रफ्तार देगी।
इतिहास और प्रक्रिया: 2015 में बनी थी रूपरेखा
इस परियोजना का खाका 2015 में तैयार किया गया था, जबकि 2021 में आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) की दिशा में पहल हुई। कोविड महामारी के कारण परियोजना कुछ समय ठप्प रही, लेकिन अब इसे दुबारा गति मिल गई है।
प्रस्तावित मार्ग क्या है?
रैपिड रेल का मार्ग अमौसी से बनी तक लखनऊ जिले में, फिर बनी से जैतीपुर (उन्नाव) तक और इसके बाद अजगैन, मगरवारा होते हुए गंगा बैराज तक प्रस्तावित है। यह मार्ग मौजूदा लखनऊ-कानपुर हाईवे और रेलवे ट्रैक के समानांतर होगा।
क्या-क्या होंगे प्रमुख लाभ?
तेज सफर: 40-50 मिनट में लखनऊ से कानपुर।
बेहतर कनेक्टिविटी: अमौसी एयरपोर्ट से सीधे जुड़ाव।
शहरी विकास: लखनऊ और उन्नाव में नियोजित विकास को बढ़ावा।
औद्योगिक विस्तार: जैतीपुर-अजगैन में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की संभावनाएं।
पर्यावरणीय लाभ: ट्रैफिक में कमी से प्रदूषण भी घटेगा।
लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल से बेहतर कनेक्टिविटी
लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल न केवल उत्तर प्रदेश की यातायात व्यवस्था को आधुनिक बनाएगी, बल्कि आर्थिक, औद्योगिक और शहरी विकास को भी नई दिशा देगी। NCRTC की इस पहल से आने वाले वर्षों में लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी, और राज्य में कनेक्टिविटी का स्तर एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 4 June, 2025, 4:56 pm
Author Info : Baten UP Ki