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चार लोकतांत्रिक देशों का एक समूह जिसका चीन करता है विरोध, जानिए इसके बारे में सबकुछ

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(Special Story)

क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग यानी क्वाड (QUAD) शिखर सम्मेलन 2024 की मेजबानी भारत कर रहा है। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उपस्थिति को लेकर व्हाइट हाउस ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस साल भारत में होने वाले क्वाड देशों के वार्षिक नेतृत्व शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध हैं। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार, जॉन किर्बी ने कहा कि इस साल होने वाले क्वाड समिट में शामिल होने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

QUAD क्या है?

QUAD, या क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग, चार लोकतांत्रिक देशों का एक समूह है, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं। इन चारों देशों का लोकतांत्रिक आधार समान है और ये सभी समुद्री व्यापार की सुगमता और सुरक्षा के साझा हितों का समर्थन करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य एक “स्वतंत्र, खुले और समृद्ध” इंडो-पैसिफिक रीजन को सुनिश्चित करना है। 2017 में, भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान ने मिलकर इस क्वाड्रैटीलैटरल गठबंधन की स्थापना की। चीन के बढ़ते प्रभाव और सुरक्षा की दृष्टि से भारत के लिए क्वाड अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बाइडन ने की थी क्वाड की पहल-

क्वाड की पहल बाइडन ने की है और ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका इसके सदस्य देश हैं। बाडइन ने वर्ष 2020 में राष्ट्रपति के तौर पर अपने कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन में क्वाड देशों के नेताओं का एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। तब से क्वाड नेता बारी-बारी से वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करते रहे हैं। इस साल भारत शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

क्यों बनाया गया QUAD?

क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (QUAD) चार प्रमुख देशों - अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक महत्वपूर्ण रणनीतिक गठबंधन है। इसका गठन 2007 में हुआ था और इसका प्रमुख उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसका अघोषित मुख्य लक्ष्य इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र, जिसमें हिंद महासागर और प्रशांत महासागर शामिल हैं, रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक गतिविधियों ने कई देशों को चिंतित कर दिया है। QUAD का उद्देश्य इस क्षेत्र के देशों को चीनी प्रभुत्व से सुरक्षित रखना और स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अवधारणा को बढ़ावा देना है। QUAD के सदस्य देशों के बीच साझा मूल्यों और हितों के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित किया जाता है। इसमें समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, आपदा प्रबंधन, और आर्थिक सहयोग शामिल हैं। इस प्रकार, QUAD एक बहुआयामी पहल है जिसका उद्देश्य न केवल सुरक्षा के क्षेत्र में, बल्कि व्यापक रूप से क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है। कुल मिलाकर, QUAD का गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है।

क्वॉड के विरोध के पीछे चीन के क्या हैं कारण?

क्वॉड का विरोध करने के पीछे चीन के कई कारण हैं। चीन शुरू से ही क्वॉड (QUAD) का विरोध करता रहा है, क्योंकि इसे वह अपने वैश्विक उभार को रोकने वाली रणनीति के रूप में देखता है। चीनी विदेश मंत्रालय का आरोप है कि क्वॉड उसके हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहा है। कई मौकों पर चीन क्वॉड को एशियाई NATO तक कह चुका है। हाल ही में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि क्वॉड अप्रचलित हो चुके शीत युद्ध और सैन्य टकराव की आशंकाओं में डूबा हुआ है। इसलिए इसका खारिज होना तय है।

कैसे हुई क्वाड की स्थापना?

क्वाड (QUAD) की स्थापना का विचार पहली बार 2007 में सामने आया था। जापान ने QUAD बनाने की पहल की थी, लेकिन चीन और रूस ने इसका विरोध किया था। 2008 में ऑस्ट्रेलिया इस समूह से बाहर रहा। अगले 10 सालों तक यह आइडिया रुका रहा। फिर 2017 में इस पर सक्रिय रूप से काम शुरू हुआ। नवंबर 2017 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने QUAD की स्थापना के प्रस्ताव को आकार दिया। इसका मुख्य उद्देश्य सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच प्रमुख समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करना था।

आखिर भारत के लिए इतना जरूरी क्यों है क्वाड? 

क्वाड (QUAD) के महत्व पर ध्यान देने के कई कारण हैं, खासकर भारत के लिए। विशेषज्ञों का मानना है कि क्वाड रणनीतिक तौर पर चीन के आर्थिक और सैन्य उभार का मुकाबला करने में सक्षम है। चीन के साथ भारत का लंबे समय से सीमा विवाद रहा है, और अगर सीमा पर उसकी आक्रामकता बढ़ती है, तो भारत क्वाड के अन्य देशों की मदद से चीन को रोक सकता है।क्वाड में अपनी भागीदारी बढ़ाकर भारत न केवल चीनी मनमानियों पर अंकुश लगा सकता है, बल्कि एशिया में शक्ति संतुलन भी कायम कर सकता है। इसके अतिरिक्त, क्वाड भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर देता है, जिससे वह एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभर सकता है।

आखिर क्या है क्वाड का उद्देश्य? 

क्वॉड (QUAD) का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी सैन्य या राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखना है। इसे मुख्यत: चीनी दबदबे को कम करने के लिए एक रणनीतिक समूह के रूप में देखा जाता है। क्वॉड का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, खुला और समृद्ध बनाने की दिशा में काम करना है। यह समूह न केवल सुरक्षा बल्कि आर्थिक सहयोग, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन, महामारी और शिक्षा जैसे अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

By Ankit Verma

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