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1700 पायलटों की ट्रेनिंग में चूक! क्या इंडिगो ने उड़ाई सुरक्षा नियमों की धज्जियां?

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विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन इंडिगो को एक गंभीर मामला सामने आने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि एयरलाइन ने करीब 1,700 पायलटों का प्रशिक्षण ऐसे सिम्युलेटर पर कराया, जो प्रमाणित नहीं थे और मानक के अनुरूप नहीं पाए गए।

जांच के बाद सामने आया मामला

सूत्रों के अनुसार, यह नोटिस पिछले महीने इंडिगो से प्राप्त दस्तावेज़ों और उनके जवाबों की गहन जांच के बाद जारी किया गया। जांच में पाया गया कि पायलटों का "सी" श्रेणी या क्रिटिकल एयरपोर्ट ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षण उन सिम्युलेटर पर हुआ, जो कालीकट, लेह और काठमांडू जैसे कठिन और संवेदनशील हवाई अड्डों के लिए उपयुक्त प्रमाणन नहीं रखते थे।

संवेदनशील हवाई अड्डों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा मानक

विशेष रूप से कालीकट हवाई अड्डे का जिक्र किया गया है, जहां टेबल टॉप रनवे है। ऐसे हवाई अड्डों के लिए पायलटों को अतिरिक्त नियम, प्रक्रियाएं और सुरक्षा मानकों के तहत प्रशिक्षित होना आवश्यक होता है। लेकिन जांच में सामने आया कि इंडिगो ने इन मानकों का पालन नहीं किया।

मुख्य और सहायक पायलट भी शामिल

इस कथित चूक में न केवल जूनियर पायलट, बल्कि मुख्य पायलट (कैप्टन) और सहायक पायलट (को-पायलट) भी शामिल हैं। इससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि प्रशिक्षण प्रक्रिया और क्वालिटी कंट्रोल पर निगरानी कितनी सख्त है।

इंडिगो का जवाब

इंडिगो के प्रवक्ता ने नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए कहा—

“हमें डीजीसीए का कारण बताओ नोटिस मिला है, जो हमारे कुछ पायलटों के सिम्युलेटर प्रशिक्षण से जुड़ा है। हम इस मामले की समीक्षा कर रहे हैं और नियामक को तय समयसीमा के भीतर जवाब देंगे। हम अपने परिचालन में सुरक्षा और अनुपालन के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

अगला कदम क्या होगा?

अब इंडिगो को डीजीसीए को अपने प्रशिक्षण प्रक्रिया और मानकों पर स्पष्टीकरण देना होगा। अगर एयरलाइन का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो इस पर जुर्माना, पायलटों का पुनः प्रशिक्षण, या परिचालन पर कुछ समय के लिए रोक जैसे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

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