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इसे कहते हैं मौके पर चौका मारना

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भारत में इन दिनों त्यौहारों का मौसम है। इसमें से एक त्यौहार है क्रिकेट का। हर तीज-त्यौहार जैसे हम भारतीय एकजुट और इकट्ठे दिखते हैं। ठीक वैसे ही क्रिकेट में भी। भारतीयों को अगर एकजुट देखना हो तो इस खेल से बेहतर कोई प्रेरणा नहीं। जैसे हर त्यौहार हमें कुछ सीख देता है, वैसे ही क्रिकेट भी। हमेशा तैयार रहें। अपने हुनर को मांजते रहें, क्योंकि मौका भले ही भाग्य से मिले, पर उसे भुनाने के लिए आपका हुनर और मेहनत ही चाहिए होगी। ये ऐसा शॉट है जिसे कोई फील्डर बाउंड्री पार करने से नहीं रोक सकता। फिर चाहे आपके सामने विश्व विजेता ही क्यों न खड़ा हो। क्रिकेट विश्व कप 2023 इसका साक्षात प्रमाण है। नीदरलैंड, अफगानिस्तान और मोहम्मद शमी। इन्हें स्थिरता के साथ मेहनत का क्या खूब फल मिला। बॉटम की ये दोनों टीमें, नीदरलैंड और अफगानिस्तान आज हर क्रिकेट प्रेमी की नजरों में टॉप पर हैं। स्टेडियम में दर्शक खड़े होकर इनके लिए तालियां बजा रहे हैं। वो भी दूसरे देशों के। 

पहले बात करते हैं नीदरलैंड की। ये उन टीमों में से एक है, जिसने वेस्टइंडीज को दर्शक दीर्घा में पहुंचा दिया। विंडीज क्रिकेट विश्व कप 2023 में क्वालीफाई तक न कर सकी। ये क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ है कि कैरेबियन टीम विश्व कप का हिस्सा बनने वाली शीर्ष 10 टीमों में नहीं है। वो विंडीज जिसका क्रिकेट की दुनिया पर राज था। एक समय मैदान के अंदर अजेय मानी जाने वाली विंडीज की टीम आज विश्व कप में दर्शक मात्र है। नीदरलैंड ने विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका जैसी दमदार टीम को हरा दिया। खुद से मजबूत मानी जाने वाली बांग्लादेश को भी धूल चटाई। नीदरलैंड की टीम इससे पहले भी कई विश्व कप में क्वालीफाई कर चुकी है, लेकिन पहली बार विशेषज्ञों और दर्शकों की प्रशंसा और चर्चा का हिस्सा बनी। ऐसा ही कारनामा किया अफगानिस्तान की टीम ने। पाकिस्तान, श्रीलंका और गत विश्व विजेता इंग्लैंड जैसी मजबूत टीमों को हार का मुंह दिखाया। यही नहीं, सेमीफाइनल की रेस में शीर्ष चार टीमों में अपनी जगह बनाने के लिए अब भी लड़ाई में बनी हुई है। इन दोनों ही टीमों ने विश्व कप 2023 को खास बना दिया है। इन्होंने क्रिकेट डायरी में ऐसे पन्ने जोड़े हैं जिन्हें कभी फाड़ा नहीं जा सकेगा। 

एक और नाम है मोहम्मद शमी। भारतीय तेज गेंदबाज। इन्हें विश्व कप की टीम में शामिल तो किया गया परंतु शुरुआती चार मैचों में फाइनल 11 में जगह नहीं मिली। हार्दिक पांडया के चोटिल होने के बाद इन्हें मौका मिला। शमी ने इस मौके पर जो चौका लगाया, वो काबिलेतारीफ है। अभी तक महज 3 मैच खेलकर शमी ने इस विश्व कप को अपने इर्द-गिर्द घुमा दिया है। टीम में अपनी जगह भी पक्की कर ली है। विश्व कप जैसे इवेंट में और बल्लेबाजी के लिए मुफीद मानी जाने वाली भारतीय पिचों पर शमी की इकोनॉमी 3.60 की है। दो बार पांच-पांच विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच रह चुके हैं। 

बात बस इतनी सी है कि जब भी विश्व कप 2023 की बात होगी, नीदरलैंड, अफगानिस्तान और मोहम्मद शमी की चर्चा जरूर होगी। ये वो नाम हैं जो इस इवेंट से पहले किसी की जबान पर नहीं थे। इसलिए खेल को सिर्फ देखिए मत, खेलिए भी और उससे कुछ सीखिए भी। खेल हमें खेल-खेल में गंभीरता सिखाते हैं। गंभीरता अपने शौक के प्रति। सही समय के इंतजार की। तो बस लगे रहिए, न जाने कब आपका नंबर भी आ जाए और तब काम आएगी तैयारी जीत की।

(लेखिका- दीप्ती सिंह, वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)

 

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