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बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने चुनाव में अनीता श्योराण को हराया। संजय सिंह बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी होने के साथ साथ वर्तमान में वाराणसी भारतीय कुश्ती महासंघ के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
संजय कुमार सिंह ने अनीता श्योराण को 33 वोटों से हराया-
आपको बता दे कि बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे से अध्यक्ष पद खाली चल रहा था और 21 दिसंबर यानी की आज भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर चुनाव हुआ। इस दौरान चुनाव में संजय सिंह को 40 वोट मिले जबकि अनीता श्योराण को केवल 7 वोट मिले। जिसके बाद संजय सिंह ने अनीता श्योराण को 33 वोटों से हराकर जीत हासिल की। हांलाकि नतीजे आने से पहले ही बृजभूषण शरण सिंह ने यह दावा किया था कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ही बनेंगे।
कई बार टलने के बाद हुआ चुनाव-
इसी के साथ बता दे कि WFI के कुल 15 पदों पर चुनाव हुए। अध्यक्ष पद के अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष के 4 पदों, महासचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव के 2 पदों और 5 कार्यकारी सदस्यों का चुनाव हुआ। चुनाव की प्रक्रिया इस साल जुलाई में शुरू हुई थी, लेकिन कोर्ट केसेज के कारण ये चुनाव टलता गया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस चुनाव पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से लगी रोक को रद्द किया और इसके बाद चुनाव की तारीख का ऐलान हो पाया।
पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण पर आरोप-
दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपो को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। बता दे कि भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों ने सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे। जिसके बाद पुलिस ने काफी समय तक बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। इसके कुछ समय बाद कार्यवाही न करने के चलते बबीता फोगोट, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ जंतर- मंतर पर धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया और अपनी मांगों को लेकर डटे रहें। खेल मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया और पहलवानों से बातचीत की। सरकार से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने अपना विरोध-प्रदर्शन स्थगित कर दिया।
21 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दर्ज हुई FIR-
इसके बाद 21 अप्रैल को सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिक समेत करीब सात पहलवानों की FIR थाने में दर्ज की गई। इस FIR में दो अलग-अलग FIR दर्ज की गई। जिसमें एक नाबालिग पहलवान की शिकायत पर POCSO Act में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसकी मामले में दो जून को कुश्ती की नाबालिग पहलवान का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड किया गया था। इसके बाद सीलबंद लिफाफे में राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई कर संबंधित कोर्ट को यह बयान भेज दिया गया। कोर्ट में बयान के वक्त नाबालिग पहलवान के साथ उसके पिता और दादा दोनों मौजूद थे। इसके बाद जून के दूसरे हफ्ते में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी और बृजभूषण को नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोपों पर क्लीन चिट दे दी।
नए संसद भवन के उद्घाटन पर पहलवानों ने निकाला था मार्च-
इसके बाद 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में महिला पहलवानों ने एक बार फिर से मार्च निकाला। पुलिस ने बिना अनुमति के मार्च निकालने पर पहलवानों को रोका और हिरासत में लिया। पहलवानों पर एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद सरकार से बातचीत के बाद पहलवानों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद 7 जून को पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बुलावे पर उनके घर जाकर मुलाकात की थी। 6 घंटे तक चली इस बैठक में अनुराग ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि इस मामले में 15 जून तक दिल्ली पुलिस की चार्जशीट दाखिल हो जाएगी। साथ ही कहा था कि पहलवानों पर 28 जून को दर्ज केस वापस ले लिए जाएंगे। इसके अलावा जल्द ही कुश्ती संघ के चुनाव कराने का ऐलान किया जाएगा।
खेल मंत्री से मिले आश्वासन के बाद पहलवानों ने रद्द किया था प्रदर्शन-
वहीं खेल मंत्री से मिले आश्वासन के बाद 15 जून तक पहलवानों ने अपना आंदोलन रद्द कर दिया था। 15 जून को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी गई इसके अलावा पहलवानों पर दर्ज केस वापस लेने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। साथ ही कुश्ती संघ के चुनाव 6 जुलाई को कराने का ऐलान किया गया लेकिन उसके बाद भी काफी समय तक चुनाव टलता रहा। इसके बाद अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस चुनाव पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से लगी रोक को रद्द किया और इसके बाद चुनाव की तारीख का ऐलान किया।
संजय सिंह की दावेदारी पर आपत्ति-
हालांकि चुनाव से पहले 11 दिसंबर को भी पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की थी। उन्होंने खेल मंत्री से अपील की थी कि संजय सिंह को WFI के अध्यक्ष पद का चुनाव न लड़ने दिया जाए। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक बजरंग पूनिया ने कहा था कि सरकार ने आश्वासन दिया था कि बृजभूषण शरण सिंह से जुड़ा कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ेगा, इस भरोसे पर पहलवानों ने अपना विरोध वापस लिया था।
बजरंग पूनिया ने कहा-
"खेल मंत्री से मिलकर हमने उन्हें उनका वादा याद दिलाया कि बृजभूषण शरण सिंह से जुड़ा कोई भी WFI का चुनाव नहीं लड़ सकता है। संजय सिंह बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी हैं और उन्हें चुनाव से हट जाना चाहिए, नहीं तो हम जल्द ही अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। हमने यह बात मंत्री को बता दी है।"
WFI अधिकारी ने कहा-
इसके बाद WFI अधिकारी ने कहा था कि “संजय सिंह चुनाव लड़ने के योग्य हैं और इसीलिए रिटर्निंग ऑफिसर ने उनके नाम को चुनाव के लिए मंजूरी दी है। किसी को उनके नामांकन पर आपत्ति क्यों होनी चाहिए। ”
तमाम आपत्तियों के बाद भी अध्यक्ष पद पर हुए चुनाव-
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन करने वाले पहलवानों से वादा किया गया था कि बृजभूषण के परिवार के किसी भी सदस्य को चुनाव लड़ने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। इसलिए बृजभूषण के बेटे प्रतीक और दामाद विशाल सिंह कुश्ती संघ के चुनाव में नहीं उतरे। लेकिन बृजभूषण शरण सिंह का करीबी होने के नाते संजय सिंह की दावेदारी पर भी पहलवानों ने आपत्ति जताई थी लेकिन आज तमाम आपत्तियों के बाद भी वह चुनाव लड़े और जीते भी।
Baten UP Ki Desk
Published : 21 December, 2023, 3:50 pm
Author Info : Baten UP Ki