26 सितंबर 1923 को पंजाब के गुरुदासपुर में जन्मे हिंदी फिल्म जगत के सदाबहार अभिनेता देव आनंद का नाम सुनते ही लोगों के दिलों में उनकी मुस्कुराहट और अनोखी शैली की छवि उभर आती है। देव आनंद का फिल्मी करियर और जीवन के किस्से ऐसे हैं जो किसी रोमांचक फिल्म से कम नहीं हैं।
देव आनंद की स्माइल और फैन्स का पागलपन-
देव आनंद की स्माइल और उनके चार्म के लिए लोग दीवाने थे। ऐसा कहा जाता है कि उनकी स्माइल इतनी मशहूर हो गई थी कि उनके फैन्स उनकी तरह दिखने के लिए अपने दांत तक तुड़वाने लगे थे। देव आनंद खुद अपनी किताब 'रोमांसिंग विद लाइफ' में इस बात का ज़िक्र करते हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने फिल्मों में एंट्री की, तो उनके दांतों में गैप था जिसे मेकर्स ने फिलर से भरने का सुझाव दिया, लेकिन देव को ये पसंद नहीं आया और उन्होंने उसे हटवा दिया। देव की नैसर्गिक मुस्कान ने लाखों दिल जीते और उनकी यही सादगी लोगों को बहुत पसंद आई।
विदेशों में भी थीउनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग-
देव आनंद के चाहने वालों में सिर्फ भारत के लोग ही नहीं थे, बल्कि विदेशों में भी उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग थी। इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो भी देव आनंद के बड़े फैन थे। एक बार फिल्म 'काला पानी' की शूटिंग के दौरान, सुकर्णो देव आनंद को शूटिंग करते देखने के लिए आए थे। देव आनंद ने अपनी किताब में बताया कि जब राष्ट्रपति सेट पर आए, तो उन्होंने दोबारा गाने की शूटिंग कराई, और सुकर्णो ने शूटिंग के दौरान जोर-जोर से तालियां बजाईं।
जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात का दिलचस्प किस्सा-
1947 में जब देव आनंद, दिलीप कुमार और राज कपूर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिलने पहुंचे थे, तो एक दिलचस्प बातचीत हुई। देव आनंद ने नेहरू से मजाक में पूछा कि क्या उनकी स्माइल ने लेडी माउंटबेटन को इंप्रेस किया था। नेहरू ने जोर से हंसते हुए कहा कि उन्हें अपने बारे में ऐसी कहानियां सुनने में मजा आता है। ये मुलाकात इस बात को दर्शाती है कि देव आनंद कितने बेबाक और मजाकिया इंसान थे।
‘गाइड’ पर लोगों की प्रतिक्रिया-
1965 में रिलीज हुई फिल्म 'गाइड' देव आनंद के करियर की सबसे बोल्ड फिल्मों में से एक थी। फिल्म की थीम एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर पर आधारित थी, जिसकी वजह से कई लोगों ने इस फिल्म को लेकर देव आनंद पर सवाल उठाए। लेकिन देव आनंद ने फिल्म बनाई और इसे आज भी भारतीय सिनेमा की एक क्लासिक फिल्म माना जाता है।
डाकू से हुई दिलचस्प मुलाकात-
1957 में फिल्म 'नौ दो ग्यारह' की शूटिंग के दौरान देव आनंद की मुलाकात एक डाकू से हुई। मध्यप्रदेश के शिवपुरी में शूटिंग के दौरान रात को देव आनंद के कमरे का दरवाजा खटखटाया गया। जब उन्होंने दरवाजा खोला, तो सामने एक डाकू खड़ा था, जिसने देव साहब से उनके ऑटोग्राफ की मांग की। देव आनंद की यह किस्सा दिखाता है कि उनके चाहने वाले हर वर्ग में थे।
जीनत अमान की कास्टिंग-
फिल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' में जीनत अमान की कास्टिंग का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। एक पार्टी में देव आनंद ने जीनत को देखा और तुरंत फैसला किया कि वह उनकी फिल्म की लीड एक्ट्रेस बनेंगी। जीनत ने देव आनंद को सिगरेट ऑफर की और इसी बातचीत में देव आनंद ने उन्हें अपनी फिल्म में काम करने का ऑफर दे दिया। इस फिल्म ने जीनत को स्टार बना दिया और उनका गाना 'दम मारो दम' आज भी लोकप्रिय है।
सुरैया के साथ अधूरी प्रेम कहानी-
देव आनंद और सुरैया की प्रेम कहानी काफी चर्चित रही। दोनों ने एक-दूसरे से बेहद प्यार किया, लेकिन सुरैया की नानी की वजह से उनका रिश्ता पूरा नहीं हो पाया। फिल्म 'जीत' की शूटिंग के दौरान उन्होंने असली शादी करने का प्लान बनाया था, लेकिन सुरैया की नानी ने इसे विफल कर दिया।
गुरु दत्त की मौत और देव आनंद का दुःख-
देव आनंद और गुरु दत्त की दोस्ती भी काफी गहरी थी, लेकिन बाद में दोनों के बीच दूरी आ गई। 1964 में गुरु दत्त की आत्महत्या की खबर ने देव आनंद को हिलाकर रख दिया। गुरु दत्त की मौत के बाद देव आनंद ने शूटिंग बंद कर दी और उनकी मौत पर काफी भावुक हो गए थे।
88 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा-
88 साल की उम्र में 3 दिसंबर 2011 को देव आनंद का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके निधन के बाद भी उनकी आखिरी फिल्म 'चार्जशीट' रिलीज हुई, जिसे उन्होंने डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था। देव आनंद एक ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने न सिर्फ अपनी एक्टिंग से बल्कि अपने स्टाइल और व्यक्तित्व से भी सिनेमा प्रेमियों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बना ली। उनकी फिल्मों के अलावा, उनके जीवन के ये किस्से भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।