भारत के ओलंपिक चैंपियन और विश्व विजेता नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उन्होंने चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में आयोजित गोल्डन स्पाइक टूर्नामेंट में 85.29 मीटर की भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह थ्रो नीरज ने प्रतियोगिता के तीसरे राउंड में किया और कोई भी दूसरा एथलीट इसे पार नहीं कर सका।
दक्षिण अफ्रीका के डोव स्मिट ने 84.12 मीटर की थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि ग्रेनेडा के पीटर एंडर्सन ने 83.63 मीटर की दूरी के साथ कांस्य पदक प्राप्त किया।
पहली बार ओस्ट्रावा स्पाइक में, और सीधा गोल्ड
हालांकि नीरज चोपड़ा ने 2018 में IAAF कॉन्टिनेंटल कप में ओस्ट्रावा में हिस्सा लिया था, लेकिन गोल्डन स्पाइक में यह उनकी पहली उपस्थिति थी। पिछली बार वे 80.24 मीटर के थ्रो के साथ छठे स्थान पर रहे थे, लेकिन इस बार उन्होंने दमदार वापसी करते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया।
लगातार दूसरे टूर्नामेंट में जीत
पेरिस डायमंड लीग में 88.16 मीटर की थ्रो के साथ जीत दर्ज करने के बाद यह नीरज का लगातार दूसरा इंटरनेशनल खिताब है। इस साल अब तक उन्होंने दोहा, चोरज़ोव, पेरिस और अब ओस्ट्रावा में भाग लिया है, जिनमें से तीन में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता है।
दोहा में उन्होंने पहली बार 90.23 मीटर की ऐतिहासिक थ्रो की थी, हालांकि वहां वह जूलियन वेबर (91.06 मीटर) से पीछे रह गए थे। बाद में पेरिस में उन्होंने वेबर को हराकर अपना दबदबा फिर से स्थापित किया।
नीरज का फॉर्म भारत की उम्मीदों को बढ़ाता है
ओलंपिक से पहले नीरज का यह निरंतर प्रदर्शन भारत के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है। साल 2025 में अब तक का उनका प्रदर्शन यह दिखाता है कि वे सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ने नहीं, भारतीय एथलेटिक्स को नई ऊंचाइयों तक ले जाने आए हैं। नीरज चोपड़ा आज सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी हर जीत भारत के खेल भविष्य को नई दिशा देती है। ओस्ट्रावा की यह जीत न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।