बड़ी खबरें

रोजगार महाकुंभ का शुभारंभ: सीएम योगी बोले- पहले गांव के गांव करते थे पलायन, अब प्रदेश में ही मिल रही नौकरी एक महीने पहले अमेरिका भेजे जाने वाले भारतीय सामानों पर लगेगा 50% का भारी टैरिफ, श्रम आधारित उद्योगों पर होगा असर एक महीने पहले भारत में बनकर 100 देशों में जाएगी e-Vitara SUV, पीएम मोदी ने कार को दिखाई हरी झंडी एक महीने पहले

अब महज इतने रूपये में होगा मलेरिया से बचाव! करोड़ों बच्चों की बदलेगी जिंदगी...

Blog Image

मलेरिया से बचाने वाला दुनिया का पहला टीका अब अफ्रीका और भारत जैसे मलेरिया-प्रभावित देशों के करोड़ों बच्चों तक आसानी से पहुंच सकेगा। भारत बायोटेक ने बुधवार को ऐलान किया कि वह इस टीके की कीमत 2028 तक पांच अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹429) से भी कम कर देगा।

60% सस्ती होगी मलेरिया वैक्सीन

पहले यह टीका करीब 10 डॉलर (₹859) में मिलता था। अब इसकी कीमत में 60% से अधिक की कटौती की जाएगी। भारत बायोटेक ने यह फैसला ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) के साथ मिलकर गावी (GAVI – Vaccine Alliance) के लिए की गई साझेदारी के तहत लिया है।

बचपन में मलेरिया से बचाने वाला पहला टीका

यह वैक्सीन विशेष रूप से बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए तैयार की गई है। मलेरिया अब भी दुनियाभर में हर साल लाखों जानें लेता है और सबसे अधिक प्रभावित बच्चों की संख्या होती है। वैक्सीन की कीमत में यह बड़ी कटौती अब उन बच्चों के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है, जो अब तक इस सुरक्षा कवच से वंचित थे।

200 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश

भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉ. कृष्णा एला ने कहा, "यह सिर्फ एक वैक्सीन की कीमत घटाने का कदम नहीं है, बल्कि यह वैश्विक न्याय, समानता और सहयोग का उदाहरण है।" उन्होंने बताया कि कंपनी ने अब तक 200 मिलियन डॉलर (₹1,670 करोड़ से अधिक) का निवेश उत्पादन क्षमता बढ़ाने, तकनीक के हस्तांतरण और प्रक्रिया सुधार में किया है। इस कदम को मिनिमल प्रॉफिट मॉडल के तहत लागू किया जा रहा है।

GSK और WHO के साथ साझेदारी

जीएसके के चीफ ग्लोबल हेल्थ ऑफिसर थॉमस ब्रेउर ने कहा, "हम 2021 से भारत बायोटेक के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि मलेरिया के खिलाफ एक स्थायी और सुलभ समाधान तैयार किया जा सके।" इस साझेदारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और गावी का सहयोग प्राप्त है।

वैक्सीन की पहुंच में बड़ा विस्तार

कीमत घटाने के इस निर्णय से अफ्रीका, एशिया और अन्य विकासशील देशों में वैक्सीन की पहुंच दसियों लाख बच्चों तक बढ़ाई जा सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम मलेरिया को नियंत्रित करने और बाल मृत्यु दर घटाने में एक निर्णायक मोड़ हो सकता है।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें