काशी (वाराणसी), मथुरा, अयोध्या और प्रयागराज जैसे धार्मिक महत्व वाले जिले पर्यटन की अपार संभावनाएं रखते हैं और सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल हैं। बावजूद इसके, इन तीर्थनगरी में विकास कार्यों की गति धीमी नजर आ रही है। हाल ही में जारी प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में मथुरा 69वें स्थान पर रहा, जबकि अयोध्या और वाराणसी की स्थिति भी बेहतर नहीं है। सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए प्रयागराज 74वें स्थान पर रहा।
सीएम डैशबोर्ड 'दर्पण' के आधार पर जारी हुई रैंकिंग
जनवरी महीने के विकास कार्यों का मूल्यांकन कर शासन ने सोमवार को प्रदेश स्तरीय रैंकिंग जारी की। मथुरा की रैंकिंग प्रदेश के 75 जिलों में 69वीं रही। वहीं, वाराणसी 45वें स्थान पर और अयोध्या 53वें स्थान पर रही।
प्रयागराज की हालत सबसे खराब
महाकुंभ के आयोजन के बावजूद तीर्थराज प्रयागराज विकास कार्यों में सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए 74वें स्थान पर पहुंच गया है। डीएम चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि उनकी हाल में तैनाती हुई है और आगामी रैंकिंग में सुधार के प्रयास किए जाएंगे।
राजस्व रैंकिंग में भी पिछड़े
केवल विकास ही नहीं, बल्कि राजस्व कार्यों के आधार पर भी इन जिलों का प्रदर्शन खराब रहा। प्रयागराज 75वें स्थान पर सबसे नीचे है, जबकि मथुरा 61वें, वाराणसी 66वें और अयोध्या 70वें स्थान पर हैं।
जालौन टॉप पर
जालौन ने न केवल विकास कार्यों में बल्कि राजस्व रैंकिंग में भी शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
संयुक्त रैंकिंग में भी स्थिति दयनीय
राजस्व और विकास कार्यों के सम्मिलित मूल्यांकन के बाद जारी संयुक्त रैंकिंग में भी इन तीर्थनगरी की स्थिति में सुधार नहीं दिखा। मथुरा और अयोध्या 68वें स्थान पर, वाराणसी 63वें स्थान पर और प्रयागराज 75वें स्थान पर बना रहा।