आंखों की रोशनी खोने से पहले जानें वो आम गलतियां जो कई बार अनजाने में हो जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आंखों के कई गंभीर समस्याएं जैसे एलर्जी, संक्रमण, सूखी आंखें, और चुभन जैसी समस्याओं के लिए स्वयं डॉक्टर बनने की आदत आंखों की रोशनी छीन सकती है। खासकर 10 से 14 साल तक के बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखी जाती है, जो आंखों की दिव्यांगता का एक प्रमुख कारण बन रही है।
आंखों में खुजली? तो सोचें पहले, फिर करें इलाज
धूल, धुएं, फूलों के पराग और जानवरों के बाल जैसी आम चीजें बच्चों की आंखों में खुजली पैदा कर सकती हैं। ऐसे में कई अभिभावक बिना डॉक्टर की सलाह लिए दवा का इस्तेमाल करने लगते हैं, विशेष रूप से स्टेरॉयड युक्त दवाएं। यह दवाएं आंखों को मस्तिष्क से जोड़ने वाली ऑप्टिक तंत्रिका पर असर डाल सकती हैं, जिससे आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है।
लापरवाही से बच्चों की रोशनी जा सकती है
नेत्र विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर मामलों में यह समस्या लापरवाही के कारण होती है, जिससे बच्चों की आंखों की रोशनी खत्म हो जाती है, और फिर वह वापस नहीं आती। इसलिए, दवाओं के इस्तेमाल से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
दवाओं का सही इस्तेमाल है जरूरी
किसी भी दवा का इस्तेमाल करने का समय तय होता है। अगर दवा को निर्धारित समय से अधिक इस्तेमाल किया जाए, तो इसका असर उल्टा हो सकता है और यह आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।
आंखों की रोशनी खोने के कारण:
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सफेद मोतियाबिंद: इसमें आंख का लेंस धुंधला हो जाता है, जिससे देखने की क्षमता घट जाती है। समय पर इलाज न होने पर यह समस्या गंभीर हो सकती है।
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काला मोतियाबिंद: आंखों में दबाव बढ़ने से यह स्थिति उत्पन्न होती है। यह एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे रोका जा सकता है।
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मायोपिया: यह समस्या नजदीक की दृष्टि को प्रभावित करती है। आने वाले वर्षों में यह समस्या बच्चों में और भी बढ़ने की संभावना है, खासकर बढ़ते स्क्रीन टाइम के कारण।
क्या और कारण बढ़ा सकते हैं आंखों की समस्याओं को?
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चोट या रक्त प्रवाह में रुकावट
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आंख में सूजन
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रेटिना में रक्त प्रवाह में रुकावट
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ऑप्टिक न्युरैटिस
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रेटिना का अलग होना
आंखों की सुरक्षा में इन आदतों से बचें:
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स्क्रीन टाइम: मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर ज्यादा समय न बिताएं।
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गलत खानपान: असंतुलित आहार से आंखों की सेहत पर असर पड़ सकता है।
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अस्वस्थ जीवनशैली: सही आहार और व्यायाम की कमी आंखों की समस्याओं को बढ़ा सकती है।
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नशीले पदार्थों का सेवन: शराब, तंबाकू आदि से आंखों को नुकसान हो सकता है।
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पर्याप्त नींद का अभाव: आंखों को आराम देना जरूरी है, ताकि वे स्वस्थ रहें।
आंखों की सुरक्षा के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना और समय पर दवाओं का इस्तेमाल करना जरूरी है। किसी भी समस्या का इलाज डॉक्टर की सलाह से ही करें और ध्यान रखें कि आंखों की समस्याओं को नजरअंदाज करने से रोशनी जा सकती है।