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लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज एशिया के सबसे शिक्षित गांव की क्या है खासियत?

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हमारे समाज में शिक्षा का उतना ही महत्व है जितना जीवन जीने के लिए पानी का। जब बच्चे सुबह टाई-बूट पहनकर स्कूल के लिए निकलते हैं तो समाज में भविष्य की एक तस्वीर कायम हो जाती है। भारत में भी एक छोटा सा गांव है जहां छोटे-छोटे बच्चों के सपने आसमान छूते हैं और यहां के तमाम लोग कई बड़े पदों पर तैनात है। इस गांव को केवल भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे शिक्षित गांव कहा जाता है और-तो-और गांव के कई लोग एनआरआई भी हैं। जी हां, हम बात कर रहें हैं उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित धोर्रा माफ़ी गांव की जो पढ़ाई-लिखाई के मामले में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज है गांव का नाम

अलीगढ़ के जवां ब्लॉक में आने वाला धोर्रा माफ़ी गांव एक ग्राम पंचायत था लेकिन साल 2018 में नई व्यवस्था के तहत यह गांव नगर निगम के अधीन हो गया। धोर्रा माफ़ी गांव शहर की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बिलकुल सटा हुआ है। इस गांव का नाम साल 2002 में 75 फीसदी से ज्यादा की लिटरेसी रेट के लिए ‘लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड’ में दर्ज किया गया था। वहीं इस गांव का नाम ‘गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड’ के लिए होने वाले सर्वे के लिए भी चुना गया है। यहां 24 घंटे बिजली और पानी की आपूर्ति, कई इंग्लिश मीडियम स्कूल और कॉलेज भी हैं। गांव होने के बावजूद भी यहां के लोगों के लिए आमदनी का मुख्य स्त्रोत नौकरियां ही हैं। यहीं वजह है कि पिछले 5 सालों से यहां के लोग खेती छोड़ चुके हैं।

गांव के कई लोग करते हैं एएमयू में काम

इस गांव की आबादी करीब 10 से 11 हजार है। यहां 90 फीसदी से ज्यादा लोग साक्षर है। गांव के करीब 80 प्रतिशत लोग देशभर में कई बड़े पद जैसे डॉक्टर, इंजिनियर, साइंटिस्ट प्रोफेसर और आईएएस अफसर हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बेहद करीब होने की वजह से एएमयू के कई डॉक्टर्स और प्रोफेसर ने यहां अपना घर भी बनवाया है। पहले इस गांव की हालत भी शायद औरों जैसी ही होगी लेकिन समय के साथ इस गांव का माहौल बदला और लोगों का रुझान पढ़ाई की ओर बढ़ता गया। इस गांव में कई सरकारी स्कूल के साथ इकरा पब्लिक स्कूल, मून लाइट स्कूल, एमयू कॉलेज जैसे कई प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र है। यहां कान्वेंट स्कूलों की तरह ही सरकारी स्कूल में बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जाती है।

गांव की महिलाएं भी हैं शिक्षित

इस गांव में न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी शिक्षित है। गांव की एक बड़ी खासियत यहां का भाईचारा भी है। वैसे तो यहां की एक बड़ी आबादी मुस्लिम है लेकिन गांव में कई हिंदू भी रहते हैं, जो बिना किसी भेदभाव के यहां कई सालों से रह रहें हैं।

अलीगढ़ में और क्या है ख़ास

अलीगढ़ को दोआब का क्षेत्र माना जाता है यानी यह शहर दो नदियों, गंगा और यमुना के बीच स्थित है। पर्यटन की दृष्टि से यूपी का यह शहर कई मायने में खास है। यहां अलीगढ़ का किला, मुगल काल का जामा मस्जिद, और भगवान को समर्पित खेरेश्वर मंदिर काफी प्रसिद्ध है। अलीगढ़ की मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी 4.75 एकड़ में फैली हुई है, जो एशिया की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी है।

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