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बनारस की संस्कृति से G20 मेहमानों का होगा स्वागत

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वाराणसी में 11 से 13 जून तक होने वाली G20 डेवलपमेंट मिनिस्टर्स मीटिंग में विदेशों से आने वाले मेहमानों का काशी की आतिथ्य और संस्कृति के मुताबिक स्वागत होगा। उनकी अगवानी से लेकर विदाई तक हर सुख-सुविधा का ध्यान रखा जाएगा। वाराणसी आने वाले मेहमानों की यात्रा को अविस्मरणीय बनाने के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं।

एयरपोर्ट से गंगा घाट तक आयोजन-

बनारस में होने वाली G20 डेवलपमेंट मिनिस्टर्स मीटिंग में मेहमानों का स्वागत देश की समृद्ध सांगीतिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ किया जाएगा। बनारस की कला संस्कृति के साथ ही देशभर की सांगीतिक विधाओं की प्रस्तुतियां होंगी। इसके लिए एयरपोर्ट से गंगा घाट तक आयोजन की तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर विदेशी मेहमानों के आतिथ्य को यादगार बनाने के लिए  प्रदेश की अनूठी संस्कृति के साथ ही मनोरंजन का भी इंतजाम किया गया है। तीन दिन के भीतर 15 विशेष प्रकार के संगीतमय सांस्कृतिक आयोजन होंगे। इसमें एयरपोर्ट पर उनके आगमन से लेकर सारनाथ संग्रहालय के अवलोकन तक के लिए रंगारंग कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। आपको बता दें कि G20 की बैठक के लिए दुनियाभर से 160 विदेशी डेलीगेट्स पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही 100 विदेशी पत्रकार भी कवरेज के लिए मौजूद होंगे।

ढोल की थाप से स्वागत की तैयारी- 
11 जून को लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विदेशी मेहमानों का स्वागत काशी की आतिथ्य परंपरा के अनुसार होगा। डमरुओं की नाद, बुंदेलखंड का पाई डंडा नृत्य की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र होंगी। शहर में प्रवेश करने के साथ ही शिवपुर तिराहे पर आगंतुक प्रसिद्ध धोबिया लोकनृत्य का लुत्फ उठाएंगे। इसके साथ ही 12 जून को नमो घाट पर मेहमानों का स्वागत मशहूर ढोल नृत्य बमरसिया से होगा साथ ही कहरवा लोक नृत्य का आयोजन भी किया जाएगा। विदेशी अतिथियों का स्वागत 13 जून को सारनाथ स्थित संग्रहालय में हुड़क मजीरा और मयूर लोकनृत्य से किया भी किया जाएगा।

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