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लखनऊ में आज आश्विन शुक्ल दशमी के मौके पर राजधानी में रावण दहन की परंपरा के तहत एकजुटता का संदेश दिया जाएगा। इस साल का आयोजन विशेष रूप से "दरिंदगी, कट्टरता और अराजकता के खिलाफ" एकजुटता की थीम पर आधारित होगा। ऐशबाग रामलीला मैदान में सात फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा, जिसमें भव्य आतिशबाजी भी होगी। श्री रामलीला समिति के पदाधिकारी हरिश्चंद्र अग्रवाल ने बताया कि रावण दहन का कार्यक्रम शाम 7 बजे से शुरू होगा।
रामलीला के मंचन के बाद विभिन्न स्थानों पर होगा रावण वध
राजधानी के अलग-अलग इलाकों में भी रामलीला के मंचन के बाद रावण दहन की परंपरा निभाई जाएगी। शहर के प्रमुख स्थानों जैसे महानगर, डालीगंज, जानकीपुरम और तेलीबाग में भी रामलीला के बाद रावण का पुतला जलाया जाएगा। मोहल्लों और अपार्टमेंट्स में छोटे-बड़े सभी लोग इस पर्व को उत्साह के साथ मनाते हैं। बच्चों और बड़ों की टोली मिलकर रावण के पुतले का दहन करती है, जिससे पूरे शहर में उत्सव का माहौल रहता है।
अबूझ मुहूर्त: शुभ कार्यों की शुरुआत का सही समय
विजयदशमी के दिन का महत्व केवल रावण दहन तक ही सीमित नहीं है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल और पंडित धीरेन्द्र पांडेय के अनुसार, इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है, जिसमें किसी भी नए काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है। इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन भी बहुत शुभ माना गया है। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाने के साथ-साथ अस्त्र-शस्त्र का पूजन भी इस पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है। विजय मुहूर्त इस बार 12 अक्तूबर को दिन में 1:49 बजे से 2:35 बजे तक रहेगा, जबकि अपराजिता देवी और शमी वृक्ष का पूजन अपरान्ह 1:02 बजे से 3:21 बजे तक किया जाएगा।
दशहरा मेले और रावण दहन के प्रमुख स्थल
शहर में विभिन्न स्थानों पर दशहरा मेला और रावण दहन का आयोजन होगा, जिनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं:
विजयदशमी: एकता, साहस और विजय का प्रतीक
विजयदशमी का पर्व हमारे समाज में एकता, साहस और अंधकार पर विजय का प्रतीक है। रावण दहन के माध्यम से न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है, बल्कि समाज में फैल रही दरिंदगी, कट्टरता और अराजकता के खिलाफ भी खड़े होने का आह्वान किया जाता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 12 October, 2024, 2:38 pm
Author Info : Baten UP Ki