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NEET PG की परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, किया ये बदलाव...

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मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET PG 2025 की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट का एक अहम फैसला सामने आया है। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि नीट पीजी परीक्षा केवल एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए, ताकि परीक्षा में पारदर्शिता बनी रहे और सभी अभ्यर्थियों को बराबरी का मौका मिल सके।

दो शिफ्ट से होती है असमानता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे, ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अगर परीक्षा दो शिफ्ट में कराई जाती है, तो सवालों के कठिनाई स्तर में अंतर संभव है, जिससे “असमानता और मनमानी की स्थिति” पैदा होती है। कोर्ट ने साफ कहा, “किसी भी दो प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर को पूरी तरह समान नहीं कहा जा सकता।” इसीलिए परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराना आवश्यक है, ताकि सभी छात्रों को निष्पक्ष और समान अवसर मिल सके।

पारदर्शिता और निष्पक्षता पर कोर्ट का ज़ोर

कोर्ट ने परीक्षा आयोजन प्राधिकरणों को निर्देश दिया कि नीट पीजी की परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराई जाए। न्यायालय ने कहा कि छात्रों की मेहनत और भविष्य से कोई समझौता नहीं होना चाहिए, और इस व्यवस्था से छात्रों को मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास मिलेगा कि सभी को एक जैसे प्रश्न और समय मिलेगा। यह फैसला आने के बाद छात्रों और अभिभावकों के बीच राहत और संतोष की लहर है। कई छात्रों ने कहा कि अब उन्हें यह डर नहीं रहेगा कि पहले या बाद में परीक्षा देने वालों को आसान या कठिन पेपर मिला।

15 जून को होगी परीक्षा, कार्यक्रम में होगा संशोधन

गौरतलब है कि NEET PG 2025 की परीक्षा 15 जून को आयोजित की जानी है, और पहले इसका आयोजन दो पालियों (शिफ्ट) में किया जाना था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) को संशोधित परीक्षा कार्यक्रम जारी करना होगा। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में बदलाव के लिए अभी भी पर्याप्त समय है, और बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 15 जून को एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित हो।  सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल परीक्षा की पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, बल्कि छात्रों के मानसिक दबाव को भी कम करता है। यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे न्यायपालिका छात्रों के हित में हस्तक्षेप कर सकती है और शिक्षा व्यवस्था में विश्वास बनाए रख सकती है।

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