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LU में छात्राओं का दबदबा कायम, दीक्षांत समारोह में 1 लाख से ज्यादा छात्रों को मिली डिग्रीयां

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लखनऊ विश्वविद्यालय में आज 67वां दीक्षांत समारोह बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध कंप्यूटर वैज्ञानिक और शिक्षाविद् डॉ. विजय पांडुरंग भातकर ने समारोह की शोभा बढ़ाई। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बटन दबाकर 1 लाख 6 हजार 603 विद्यार्थियों की डिग्रियां और मार्कशीट्स डिजी लॉकर में अपलोड कीं। इस कार्यक्रम में कुल 106 मेधावियों को 198 मेडल प्रदान किए गए, जिसमें सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल छात्राओं ने जीते।

छात्राओं ने दीक्षांत समारोह में मारी बाजी-

इस बार के दीक्षांत समारोह में 70% मेडल छात्राओं के नाम रहे। 198 मेडल में से 138 मेडल छात्राओं को और केवल 60 मेडल छात्रों को प्रदान किए गए। इस तरह छात्राओं ने अपना दबदबा बनाए रखा।

विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर भारत-

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपने संबोधन में गर्व के साथ कहा, "जिस भी विश्वविद्यालय में जाती हूं, वहां लड़कियों को सबसे ज्यादा मेडल प्राप्त करते हुए देखती हूं। यह बताता है कि हम जल्द ही विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हैं।" उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की भी सराहना की और कहा कि "NAAC की A++ रेटिंग और NIRF में अंडर 100 रैंकिंग हासिल करना विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता का प्रतीक है।"

उच्च शिक्षा मंत्री का संदेश: जाति में न बंटें छात्र-

समारोह में उपस्थित उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने छात्रों से अपील की कि वे जाति-धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर अपने करियर पर ध्यान दें। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने भी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य की दिशा में काम करने का आह्वान किया।

मेधावियों की सूची: छात्राओं का दबदबा कायम-

एलएलबी की छात्रा वैष्णवी मिश्रा को इस दीक्षांत समारोह में सबसे अधिक 12 गोल्ड मेडल मिले। हार्दिक गुप्ता को 6 गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इसके अलावा, दीक्षांत समारोह में अनुष्का जैन को चांसलर गोल्ड मेडल-2024, आयुष चौहान को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल फॉर सर्विस-2024 और कैडेट अंशिका तिवारी को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल (एनसीसी) प्रदान किया गया। अन्य मेधावियों में शैलजा चौरसिया को 10 गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 ब्रोंज मेडल मिला। वैष्णवी मिश्रा और रीमा चौधरी को 9-9 गोल्ड मेडल मिले। जूली पटेल और हार्दिक गुप्ता ने 6-6 गोल्ड मेडल जीते। अर्पिता गोडिन, अर्पन शुक्ला, अनुराग सिंह को 4-4 गोल्ड मेडल मिले, जबकि निखिल सिंह, अर्शी श्रीवास्तव, जान्हवी पटेल, अदिति बाजपेयी, और दिव्यांशी मिश्रा सहित अन्य विद्यार्थियों को 3-3 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए।

1 लाख से अधिक डिग्रियां की गईं प्रदान-

इस दीक्षांत समारोह में कुल 1 लाख 6 हजार 306 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें से 62 हजार 111 डिग्रियां छात्राओं को और 44 हजार 195 डिग्रियां छात्रों को मिलीं। लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में 7049 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं, जिसमें 3418 छात्राएं और 3611 छात्र शामिल थे।

राज्यपाल का छात्रों को संदेश-

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने छात्रों से कहा कि पढ़ाई में प्रतिस्पर्धा जरूर होनी चाहिए, लेकिन वह स्वस्थ होनी चाहिए। उन्होंने बच्चों के बीच हेल्दी कंपीटिशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि इसी से शिक्षा और ज्ञान का विकास होगा। कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने मेधावियों के माता-पिता को भी मंच पर बुलाकर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों के लिए गर्व का क्षण है, और उनके माता-पिता भी इस सफलता में समान रूप से हिस्सेदार हैं।

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