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रूस के भूकंप ने हिला दी दुनिया! जापान से अमेरिका तक सुनामी अलर्ट, जानिए क्या है 'रिंग ऑफ फायर'

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रूस के सुदूर पूर्वी तटीय क्षेत्र कैमचटका प्रायद्वीप में बुधवार को आए 8.8 तीव्रता के भीषण भूकंप ने एशिया से लेकर अमेरिका तक सुनामी का खतरा खड़ा कर दिया है। इस भूकंप का प्रभाव इतना तीव्र था कि जापान, अमेरिका के हवाई द्वीप, फिलीपींस, न्यूजीलैंड, और कई अन्य देशों में तटीय अलर्ट जारी कर दिया गया है।

हवाई में 6 फीट ऊंची लहरें

अमेरिका के हवाई में जहां 6 फीट तक की समुद्री लहरें रिकॉर्ड की गईं, वहीं जापान में फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को एहतियातन खाली कराया गया है। रूस के तटीय क्षेत्रों से भी हजारों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

क्या है ‘रिंग ऑफ फायर’?

इस घटना के बाद एक बार फिर से चर्चा में है — ‘रिंग ऑफ फायर’। यह दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 40,250 किलोमीटर है और यह क्षेत्र 15 से अधिक देशों को प्रभावित करता है, जिनमें रूस, अमेरिका, जापान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, चिली और पेरू शामिल हैं।

यह क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से इसलिए संवेदनशील है क्योंकि यहां कई टेक्टॉनिक प्लेट्स — जैसे यूरेशियन, नॉर्थ अमेरिकन, इंडो-ऑस्ट्रेलियन, नाजका और फिलीपींस प्लेट्स — लगातार सक्रिय रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं या खिसकती हैं, तो यह भूकंप और उसके परिणामस्वरूप सुनामी का कारण बनती हैं।

भूकंप और सुनामी का कनेक्शन

भूवैज्ञानिक बताते हैं कि रिंग ऑफ फायर में प्लेट्स के टकराने से भूकंप के साथ-साथ समुद्र के अंदर तेज हलचल होती है। इससे समुद्र की सतह पर उठने वाली लहरें 20 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किनारों की ओर बढ़ने लगती हैं। समुद्र की गहराई में ये लहरें 900 किमी/घंटा की रफ्तार तक जा सकती हैं। इतनी तेज गति की वजह से ये लहरें जब तटों से टकराती हैं, तो यह सुनामी का भयावह रूप ले लेती हैं — जो कई मीटर ऊंची हो सकती हैं।

कई देशों में हाई अलर्ट

  • जापान: फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली कराया गया

  • अमेरिका (हवाई): समुद्री किनारे से लाखों लोगों को हटाया गया

  • फिलीपींस-न्यूजीलैंड: सरकारों ने रेड अलर्ट जारी किया

  • रूस: कैमचटका प्रायद्वीप से बड़े पैमाने पर रेस्क्यू

क्या अब खतरा टल गया है?

विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप के बाद के आफ्टरशॉक्स (परवर्ती झटके) अभी जारी रह सकते हैं और समुद्र में बनी हलचलें अगले 24 घंटे तक असर दिखा सकती हैं। सभी तटीय देशों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

'रिंग ऑफ फायर' बना वैश्विक आपदा का ट्रिगर

रूस के इस शक्तिशाली भूकंप ने एक बार फिर साबित किया कि 'रिंग ऑफ फायर' न सिर्फ एक भूगर्भीय अवधारणा है, बल्कि यह वैश्विक आपदा की श्रृंखला का ट्रिगर भी बन सकती है। जलवायु परिवर्तन और प्लेट्स की बढ़ती अस्थिरता को देखते हुए आने वाले समय में ऐसी घटनाएं और आम हो सकती हैं।

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