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अब विधानसभा में चलेगी AI की क्लास! यूपी सरकार बना रही विधायकों को हाईटेक

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उत्तर प्रदेश की राजनीति अब तकनीकी युग की ओर तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए प्रदेश के सभी विधायकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ट्रेनिंग देने का फैसला किया है। यह प्रशिक्षण आगामी 17 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के साथ शुरू होगा। यह पहला मौका होगा जब किसी राज्य की विधानसभा में विधायकों को आधुनिक तकनीकों की बारीक जानकारी दी जाएगी, वो भी एक सुनियोजित और व्यावहारिक तरीके से।

एआई से जुड़ेगा विधायकों का विज़न

इस विशेष सत्र का उद्देश्य विधायकों को तकनीक के साथ जोड़ना है ताकि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सकें और प्रभावी समाधान निकाल सकें। प्रशिक्षण में एआई के विभिन्न पहलुओं जैसे:

  • डेटा एनालिसिस

  • नीति निर्माण में एआई का उपयोग

  • जनसमस्याओं का डिजिटल समाधान

  • मशीन लर्निंग

  • नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP)

  • साइबर सुरक्षा

जैसे विषयों को शामिल किया गया है।

प्रैक्टिकल सेशन होंगे खास आकर्षण

इस कार्यक्रम में सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल सेशन भी होंगे, जिनमें एआई एक्सपर्ट्स विधायकों को तकनीक का सीधा और उपयोगी अभ्यास कराएंगे। कई विधायकों ने इस पहल का स्वागत किया है, उनका कहना है कि यह प्रशिक्षण उन्हें न केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से जुड़ने में मदद करेगा, बल्कि निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाएगा।

डिजिटल शासन की ओर बड़ा कदम

सरकार का मानना है कि एआई की समझ विधायकों को जनता की जरूरतों के अनुरूप नीतियां बनाने में मदद करेगी। साथ ही इससे शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कार्यक्रम देश की राजनीति में तकनीक के नए युग की शुरुआत साबित हो सकता है। जहां जनप्रतिनिधि न केवल जनता के मुद्दे समझेंगे, बल्कि डिजिटल टूल्स से उन्हें हल भी करेंगे।

रोजगार और अर्थव्यवस्था पर भी असर

सरकार की योजना यह भी है कि एआई से लैस विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर पैदा कर सकें और स्थानीय स्तर की अर्थव्यवस्था को गति दें। इसके जरिए उत्तर प्रदेश को एक तकनीक-समर्थ राज्य के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।

यूपी की राजनीति में तकनीक का नया युग शुरू

इस ऐतिहासिक कदम के साथ उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है—जहां नेता केवल भाषण नहीं, डेटा और तकनीक से लैस समाधान लेकर जनता के बीच जाएंगे। अब देखना होगा कि एआई की यह ट्रेनिंग भविष्य के यूपी को कितनी स्मार्ट और जवाबदेह बनाती है।

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