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हर मां-बाप यही चाहते हैं कि उनके बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ें-लिखें और अपने भविष्य में सफल हों। लेकिन जब बात वीडियो गेम्स खेलने की आती है, तो ज्यादातर पेरेंट्स इसे बच्चों के लिए नुकसानदायक मानते हैं। उनका तर्क होता है कि वीडियो गेम्स से बच्चों को लत लग सकती है और उनका समय खराब हो सकता है। इसके चलते वे बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलने या पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करते हैं।
स्टडी में क्या कहा गया है?
हाल ही में एक स्टडी ने इस पारंपरिक सोच को चुनौती दी है। 2022 में पब्लिश हुई इस स्टडी के मुताबिक, वीडियो गेम्स खेलना बच्चों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। खासतौर पर कुछ बच्चों के IQ लेवल को बढ़ाने में वीडियो गेम्स ने मदद की है। साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित इस स्टडी के अनुसार, वीडियो गेम्स खेलते समय स्क्रीन टाइम बच्चों की कोग्नेटिव (संज्ञानात्मक) क्षमताओं पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता।
IQ बढ़ाने में मददगार:
स्टडी के मुताबिक, कुछ बच्चों के लिए वीडियो गेम्स खेलना फायदेमंद साबित हुआ। इससे बच्चों में समस्या समाधान (problem-solving), निर्णय लेने (decision-making), और तेज़ सोचने (quick thinking) की क्षमता बेहतर हुई।
टीवी और सोशल मीडिया से फर्क नहीं:
स्टडी ने यह भी बताया कि टीवी देखने या सोशल मीडिया इस्तेमाल करने का बच्चों के दिमाग पर कोई सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।
सीमित सैंपल साइज:
शोधकर्ताओं ने माना कि इस अध्ययन के लिए उन्होंने बहुत कम बच्चों को शामिल किया, यानी सैंपल साइज सीमित था। इससे यह निष्कर्ष पूरी तरह से ठोस नहीं कहा जा सकता।
डिजिटल मीडिया और बच्चों पर असर
आज के दौर में डिजिटल मीडिया लगभग हर घर तक पहुंच चुका है। बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी हो जाता है कि अलग-अलग डिजिटल मीडिया का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि बच्चों के मानसिक और व्यवहारिक विकास पर डिजिटल मीडिया के प्रभाव को लेकर अभी तक स्पष्ट समझ नहीं बन पाई है। यह विषय शोध और बहस दोनों का हिस्सा बना हुआ है।
सिर्फ वीडियो गेम्स ही काफी नहीं-
हालांकि, शोधकर्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि केवल वीडियो गेम्स खेलकर बच्चों का दिमाग तेज़ नहीं हो सकता। यह उनके आसपास के वातावरण, पेरेंटिंग स्टाइल, और अन्य शैक्षिक गतिविधियों पर भी निर्भर करता है।
क्या कहता है विशेषज्ञों का नजरिया?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि बच्चे सीमित समय के लिए वीडियो गेम्स खेलें, तो इससे उनकी लॉजिकल थिंकिंग और कंसन्ट्रेशन बेहतर हो सकती है।
पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और उनकी स्क्रीन टाइम को संतुलित करें।
वीडियो गेम्स पूरी तरह से नुकसानदायक नहीं हैं, बल्कि सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह बच्चों के विकास में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, पेरेंट्स को डिजिटल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे इसका सही संतुलन बनाकर उपयोग करें।
डिजिटल मीडिया और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बीच के संबंध-
डिजिटल युग में पेरेंट्स और शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को डिजिटल उपकरणों का सही उपयोग सिखाएं। इसके साथ ही, अधिक शोध और गहराई से अध्ययन की जरूरत है, ताकि डिजिटल मीडिया और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बीच के संबंध को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
Baten UP Ki Desk
Published : 16 December, 2024, 7:44 pm
Author Info : Baten UP Ki