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अब रोज़ चार्ज नहीं करना पड़ेगा अपना फोन! AI ने खोजी ये जादुई बैटरी...

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अब वह दिन दूर नहीं जब स्मार्टफोन को रोज़ चार्ज करने की ज़रूरत नहीं होगी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) की बैटरियां सस्ती भी होंगी और ज्यादा ताकतवर भी! न्यू जर्सी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसकी उम्मीद दुनिया ने नहीं की थी — AI (Artificial Intelligence) की मदद से उन्होंने लिथियम बैटरी का विकल्प खोज निकाला है।

लिथियम की बढ़ती मांग बनी थी चिंता की वजह

स्मार्टफोन, लैपटॉप से लेकर EVs तक – हर जगह लिथियम-आयन बैटरियों का दबदबा है। लेकिन लिथियम एक सीमित संसाधन है। जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ रही है, इसकी खपत और खनन भी बढ़ता जा रहा है। पर्यावरण और लागत दोनों पर असर पड़ रहा है।

AI ने सुझाया नया रास्ता

AI सिस्टम की मदद से रिसर्चर्स ने ऐसे पांच नए metal oxides खोज निकाले हैं जो लिथियम का सस्ता, सुरक्षित और शक्तिशाली विकल्प साबित हो सकते हैं। ये बैटरियां मैग्नीशियम, कैल्शियम, एल्यूमिनियम और जिंक जैसे धातुओं से बनेंगी। सबसे खास बात – ये एलिमेंट्स न केवल आसानी से उपलब्ध हैं, बल्कि इनकी energy density भी ज्यादा है।

इन बैटरियों की खासियत:

  • ज्यादा एनर्जी स्टोरेज

  • कम लागत

  • पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प

  • लंबी लाइफ और ज्यादा चार्जिंग साइकल

एक बड़ी चुनौती भी थी…

हालांकि इन तत्वों में पावर ज्यादा है, लेकिन इनका आयन साइज बड़ा होता है, जिससे बैटरी में मूवमेंट करना मुश्किल होता है। यानी बैटरी की परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है।

AI ने ढूंढा हल!

रिसर्चर्स ने Crystal Diffusion Variational Autoencoder (CDVAE) नाम की AI तकनीक का इस्तेमाल करके ऐसे मटीरियल खोज निकाले जो बड़े आयन के मूवमेंट के लिए बेहतर रास्ते बना सकें। इन पर थर्मोडायनामिक और क्वांटम मैकेनिकल टेस्टिंग भी की गई – और नतीजे चौकाने वाले थे: ये बैटरियां वास्तव में काम कर सकती हैं!

जल्द ही बदलेगी बैटरी की दुनिया

जैसे ही इन मटीरियल्स से बनी बैटरियां बाजार में आएंगी, स्मार्टफोन और EVs में एक नई बैटरी क्रांति देखने को मिलेगी। बैटरियां न केवल ज्यादा चलेगी, बल्कि सस्ती भी होंगी।

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