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भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत को अब और मजबूती मिलने जा रही है। नौसेना को अपना पहला डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) मिल गया है, जिसका नाम है ‘निस्तर’। इसे हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने तैयार किया है और हाल ही में विशाखापट्टनम में नौसेना को सौंपा गया है। उम्मीद है कि यह अत्याधुनिक पोत अगले हफ्ते भारतीय नौसेना में कमिशन कर दिया जाएगा।
गहरे समंदर में राहत का नया साथी
‘निस्तर’ एक विशेष श्रेणी का शिप है, जिसे खासतौर पर गहरे समुद्र में गोताखोरी और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया है। नौसेना प्रवक्ता कैप्टन विवेक मधवाल के अनुसार, दुनिया की कुछ ही नौसेनाओं के पास ऐसी क्षमताएं हैं। इसका नाम संस्कृत शब्द ‘निस्तर’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है – मुक्ति या उद्धार।
दमदार डिज़ाइन और तकनीकी खूबियां
लंबाई: 118 मीटर
वजन: करीब 9350 टन
रफ्तार: 18 नॉटिकल मील प्रति घंटा
गोताखोरी क्षमता: 300 मीटर गहराई तक
साइड डाइविंग स्टेज: 75 मीटर तक
रिमोट कंट्रोल रेस्क्यू सिस्टम: 1000 मीटर गहराई तक संचालन में सक्षम
इस वेसल में अत्याधुनिक डाइविंग उपकरण लगाए गए हैं, जिससे यह समुद्र की गहराइयों में प्रभावी ढंग से काम कर सकेगा।
आपात स्थिति में सबमरीन बचाव की ताकत
‘निस्तर’ को डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) के मदर शिप के तौर पर भी तैनात किया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर किसी पनडुब्बी में आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो यह शिप वहां जाकर उसमें फंसे लोगों को बचाने की क्षमता रखता है। इसमें ऐसे रिमोट-ऑपरेटेड यंत्र भी हैं, जो गहराई में जाकर डाइवर मॉनिटरिंग और रेस्क्यू ऑपरेशन कर सकते हैं।
मेक इन इंडिया' की बड़ी सफलता
‘निस्तर’ को बनाने में 75% से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह न केवल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाता है, बल्कि समुद्री सुरक्षा में आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और ठोस कदम भी है। ‘निस्तर’ के रूप में भारतीय नौसेना को एक ऐसा साइलेंट रक्षक मिल गया है, जो समुद्र की अथाह गहराइयों में भी अपने लोगों की जान बचाने के मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 9 July, 2025, 2:32 pm
Author Info : Baten UP Ki