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मरने के बाद क्या होता है Gmail अकाउंट के साथ? जानिए Google की 'डिजिटल वसीयत' पॉलिसी

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आपने कभी इमेजिन किया है कि आपके निधन के बाद आपके Gmail अकाउंट का क्या होता है? क्या आपकी ईमेल, ड्राइव में रखे दस्तावेज़, फोटो और अन्य निजी जानकारियां खुद-ब-खुद मिट जाएंगी या कोई और उन्हें देख सकेगा? यह सवाल अब और भी ज़रूरी हो गया है, क्योंकि हमारी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा डिजिटल हो चुका है और Google जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हमारी तमाम संवेदनशील जानकारियां मौजूद होती हैं।

इनएक्टिव अकाउंट को गूगल करता है डिलीट

Google की नीति के मुताबिक, यदि कोई Gmail अकाउंट लगातार 2 साल तक इनएक्टिव रहता है, तो Google उसे स्थायी रूप से डिलीट कर सकता है। इसमें ईमेल्स, गूगल ड्राइव का डाटा, फोटोज़, सेव्ड कार्ड, कॉन्टैक्ट्स समेत सभी डिजिटल जानकारियां शामिल होती हैं। डिलीट से पहले Google यूज़र को कई बार नोटिफिकेशन भेजता है, ताकि वह अकाउंट में लॉगइन करके अपनी सक्रियता दिखा सके। लेकिन अगर कोई जवाब नहीं मिलता, तो अकाउंट को स्थायी रूप से मिटा दिया जाता है, जिसे बाद में रिकवर नहीं किया जा सकता।

गूगल की 'Inactive Account Manager' सुविधा

Google यूज़र्स को “Inactive Account Manager” नामक एक अनोखी सुविधा भी देता है, जिसके जरिए आप अपने अकाउंट के भविष्य के बारे में पहले से तय कर सकते हैं।

आप ये तय कर सकते हैं:

  • कितने समय की इनएक्टिविटी के बाद गूगल मान ले कि यूज़र अब उपलब्ध नहीं है (3, 6, 12 या 18 महीने)

  • किस व्यक्ति/व्यक्तियों को अकाउंट का एक्सेस देना है (अधिकतम 10 लोग)

  • कौन-सी जानकारी किसे दिखानी है और कौन सी नहीं

  • इनएक्टिविटी के बाद अकाउंट को डिलीट करना है या सुरक्षित रखना है

डिजिटल वसीयत जैसा विकल्प

यह सुविधा एक तरह की डिजिटल वसीयत है। यूज़र अपनी मृत्यु या लंबी अनुपस्थिति के बाद भी यह तय कर सकता है कि उसके डेटा का क्या होगा और कौन उस तक पहुंच पाएगा। यूज़र द्वारा चुने गए लोगों को गूगल ईमेल भेजेगा और उनके पास डाटा डाउनलोड करने के लिए 3 महीने का समय होगा। इसके बाद, यदि यूज़र ने डिलीट करने का विकल्प चुना है तो अकाउंट अपने आप खत्म कर दिया जाएगा।

क्यों है यह ज़रूरी?

आज के समय में हमारे Gmail अकाउंट्स में बैंकिंग, डॉक्यूमेंट्स, निजी ईमेल्स, पासवर्ड्स और पर्सनल फोटो/वीडियो जैसे अनगिनत डाटा सेव रहते हैं। ऐसे में यह तय करना बेहद ज़रूरी है कि हमारी निधन के बाद हमारी डिजिटल पहचान और उसकी गोपनीयता कैसे सुरक्षित रहेगी।

क्या करें अभी?

  1. अपने Google अकाउंट में जाएं

  2. “Inactive Account Manager” सर्च करें

  3. इनएक्टिव टाइमलाइन सेट करें

  4. उन लोगों को जोड़ें जिन्हें एक्सेस देना चाहते हैं

  5. तय करें कि डेटा डिलीट होगा या सुरक्षित रहेगा

मरने के बाद भी बचा रहेगा आपका डेटा?

डिजिटल युग में जहां हमारी पहचान ऑनलाइन मौजूद है, ऐसे में यह जानना और तय करना बेहद ज़रूरी है कि हमारी डिजिटल ज़िंदगी की विरासत कैसे और किसके पास जाए। Google की यह सुविधा न केवल गोपनीयता को बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि हमारे अपनों को ज़रूरी जानकारी तक पहुंच का सुरक्षित और नियंत्रित तरीका भी देती है।

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