ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो किसी भी उम्र में और किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। दुनियाभर में यह एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता का विषय है, खासकर महिलाओं के लिए। पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है, लेकिन महिलाओं में इसके होने की संभावना कहीं ज्यादा होती है। इसके बावजूद आज भी बहुत से लोग इस बीमारी के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं रखते, और इसका खतरा उनके जीवनशैली के फैसलों से अनजाने में बढ़ता जाता है।
अक्टूबर का महीना ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता के लिए समर्पित-
अक्टूबर का महीना ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता के लिए समर्पित होता है। इस मौके पर, हम आपके लिए ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े कुछ प्रमुख जोखिम कारक (Risk Factors) और लाइफस्टाइल से जुड़ी उन आदतों को लेकर आए हैं, जो इस बीमारी के खतरे को बढ़ाती हैं। सीके बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम के ब्रेस्ट सेंटर के प्रमुख डॉक्टर रोहन खंडेलवाल ने इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी है।
ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क फैक्टर्स: किन कारकों से बढ़ता है खतरा?
ब्रेस्ट कैंसर के विकास की संभावना को बढ़ाने वाले कई कारक होते हैं। इनमें से कुछ पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता, जबकि कुछ ऐसे होते हैं, जिन्हें हम लाइफस्टाइल में बदलाव करके कम कर सकते हैं। वे कारक जो हमारी पहुंच से बाहर हैं, उनमें शामिल हैं:
- उम्र: 50 साल की उम्र के बाद ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- जेंडर: महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में ज्यादा आती हैं।
- पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, तो इसका खतरा बढ़ जाता है।
- जेनेटिक बदलाव: BRCA1 और BRCA2 जीन में गड़बड़ी भी इसका मुख्य कारण है।
- डेंस ब्रेस्ट टिशू: अधिक घनत्व वाले ब्रेस्ट टिशू भी जोखिम बढ़ाते हैं।
- मेनोपॉज में देरी: 55 साल से ज्यादा उम्र में मेनोपॉज होने पर जोखिम अधिक होता है।
- समय से पहले पीरियड्स: 12 साल की उम्र से पहले पीरियड्स शुरू होना भी एक रिस्क फैक्टर है।
ये लाइफस्टाइल आदतें बढ़ाती हैं ब्रेस्ट कैंसर का खतरा-
हमारी जीवनशैली का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को और बढ़ा देती हैं। आइए जानें ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में:
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अधिक वजन या मोटापा: विशेषकर मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम ज्यादा हो जाता है। फैट टिशू में एस्ट्रोजन का उत्पादन अधिक होता है, जो कैंसर की संभावनाओं को बढ़ाता है।
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फिजिकल इनएक्टिविटी: अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते, तो आपका हार्मोन लेवल असंतुलित हो सकता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। नियमित एक्सरसाइज से वजन और हार्मोन दोनों को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
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शराब का सेवन: अल्कोहल का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। यहां तक कि एक दिन में एक ड्रिंक पीने से भी एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है, जो कैंसर की संभावना को बढ़ाता है।
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धूम्रपान: खासकर उन महिलाओं में जो पहली प्रेग्नेंसी से पहले स्मोकिंग करती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है।
- अनहेल्दी डाइट: अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, और जंक फूड खाने से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के तरीके: जानें क्या करें?
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए हमें अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करने की जरूरत है। यहां कुछ ऐसे उपाय दिए जा रहे हैं, जो इस बीमारी के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं:
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हेल्दी वजन बनाए रखें: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से आप स्वस्थ वजन बनाए रख सकते हैं, जो कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है।
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शराब और तंबाकू से दूर रहें: अल्कोहल और तंबाकू का सेवन छोड़कर आप ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
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संतुलित आहार का सेवन: अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और हेल्दी फैट शामिल करें। इस प्रकार का आहार न सिर्फ आपके शरीर को स्वस्थ रखेगा, बल्कि कैंसर से भी बचाव करेगा।
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नियमित रूप से चेकअप कराएं: ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को शुरुआती चरण में पहचानने के लिए नियमित रूप से मैमोग्राफी और डॉक्टर से सलाह लें।
जीवनशैली को सुधार कर कम कर सकते हैं खतरा-
ब्रेस्ट कैंसर का खतरा आपकी उम्र और जीन से जुड़ा हो सकता है, लेकिन आप अपनी जीवनशैली को सुधार कर इस खतरे को कम कर सकते हैं। हेल्दी आदतें अपनाकर, जैसे सही खान-पान, नियमित व्यायाम और हानिकारक आदतों से बचकर, आप इस गंभीर बीमारी से बचाव कर सकते हैं।