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भारत के शेयर बाजार पर ट्रंप की तलवार! क्या निवेशकों को अब डरने की है जरूरत?

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डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए 25% टैरिफ के फैसले का असर शुक्रवार को शेयर बाजार की ओपनिंग बेल पर साफ नजर आया। वैश्विक बाजारों की कमजोरी और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के बीच घरेलू बाजार भी दबाव में आ गया। सेंसेक्स 111 अंकों की गिरावट के साथ 81,074 पर और निफ्टी 33 अंकों की गिरावट के साथ 24,734 पर खुला।

टैरिफ टेंशन: ट्रंप के फैसले से बाजार में घबराहट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25% आयात शुल्क को लेकर निवेशकों में चिंता गहराती जा रही है। ट्रंप ने गुरुवार को इस संबंध में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें भारत सहित 70 देशों पर 'पारस्परिक टैरिफ' लगाने की घोषणा की गई। भारत को लेकर ट्रंप ने कहा है कि अगर वह रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदना बंद नहीं करता, तो उसे इसके लिए "पेनल्टी" चुकानी होगी। हालांकि, कार्यकारी आदेश में फिलहाल इस अतिरिक्त जुर्माने का जिक्र नहीं है।

सन फार्मा को बड़ा झटका, 5% तक टूटा शेयर

टैरिफ के असर के साथ-साथ कंपनियों की तिमाही नतीजों ने भी बाजार को प्रभावित किया। फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी सन फार्मा के शेयर में शुक्रवार को 5% से ज्यादा की गिरावट आई। कंपनी के Q1 नतीजों में 20% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ।

इन शेयरों में दिखा दबाव, कुछ में बनी रौनक

घटने वाले शेयर:

  • महिंद्रा एंड महिंद्रा

  • टाटा स्टील

  • टाटा मोटर्स

  • इंफोसिस

  • लार्सन एंड टुब्रो

मुनाफा कमाने वाले शेयर:

  • हिंदुस्तान यूनिलीवर

  • आईटीसी

  • एशियन पेंट्स

  • मारुति सुजुकी

डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत, लेकिन चिंताएं बरकरार

टैरिफ संकट के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 12 पैसे मजबूत होकर 87.53 पर खुला। हालांकि, विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली ने चिंता और गहरा दी है। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को एफआईआई ने 5,588 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जो बाजार की कमजोरी का प्रमुख कारण बना।

विश्लेषकों की राय: बाजार अल्पकालिक दबाव में, बातचीत से सुधर सकते हैं हालात

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा,

"बाजार फिलहाल टैरिफ को अल्पकालिक मुद्दा मान रहा है। अगस्त में शुरू होने वाली नई बातचीत से उम्मीद है कि टैरिफ में ढील मिल सकती है।"

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे ने कहा,

"बाजार पर कई दबाव एक साथ हैं—टैरिफ की बढ़ोतरी, कमजोर तिमाही नतीजे, एफआईआई की बिकवाली और अमेरिकी फेड का आक्रामक रुख।"

वैश्विक संकेत भी नकारात्मक

  • दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई, चीन का शंघाई एसएसई, और हांगकांग का हैंगसेंग भी शुक्रवार को गिरावट के साथ खुले।

  • अमेरिकी बाजार भी गुरुवार को निगेटिव बंद हुए।

  • ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.97% गिरकर 72.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई, जो वैश्विक मांग में कमजोरी का संकेत है।

भारत पर टैरिफ लागू होने की तारीख 7 अगस्त है, जिससे पहले कूटनीतिक और व्यापारिक बातचीत की गुंजाइश बनी हुई है। फिलहाल बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन अगर भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता सफल होती है, तो यह गिरावट रुक सकती है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अल्पकालिक अस्थिरता के बावजूद लॉन्ग टर्म पोजिशन को लेकर सतर्क और संयमित रहें।

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