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18 साल बाद भारत की आर्थिक साख में बढ़ोतरी, S&P ने दी 'BBB' रेटिंग! जानिए क्या है इसका मतलब

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वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान ऊपर करते हुए ‘BBB’ कर दिया है। यह अपग्रेड 2007 के बाद पहली बार हुआ है। पहले भारत की रेटिंग ‘BBB-’ यानी न्यूनतम निवेश स्तर पर थी।

क्यों बढ़ी रेटिंग?

एसएंडपी ने कहा कि भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, महंगाई नियंत्रण में कारगर मौद्रिक नीतियां, और राजकोषीय मजबूती पर सरकार का फोकस इस अपग्रेड के मुख्य कारण हैं। एजेंसी का मानना है कि भारत स्थायी सार्वजनिक वित्त और बुनियादी ढांचा विकास दोनों को संतुलित रूप से आगे बढ़ा रहा है।

“भारत की प्राथमिकता वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए दीर्घकालिक विकास के लिए मजबूत आधार तैयार करना है।” — एसएंडपी ग्लोबल

नए रेटिंग लेवल्स

  • दीर्घकालिक रेटिंग: BBB- ➡ BBB

  • अल्पकालिक रेटिंग: A-3 ➡ A-2

  • आउटलुक: स्थिर (Stable)

अमेरिकी टैरिफ का असर सीमित

रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी टैरिफ भारत की वृद्धि को बड़े पैमाने पर प्रभावित नहीं करेंगे, क्योंकि भारत की 60% आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है। साथ ही, भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है।

सरकार की प्रतिक्रिया

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा—

“यह अपग्रेड भारत की आर्थिक चुस्ती, स्थिरता और मजबूती की अंतरराष्ट्रीय पुष्टि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक चुनौतियों के बीच भी लचीलापन बनाए रखा है।”

क्यों है यह अपग्रेड अहम?

  • 2007 के बाद पहली बार S&P ने भारत की रेटिंग बढ़ाई।

  • विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।

  • भारत को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से कर्ज लेने में ब्याज दरें कम हो सकती हैं।

  • वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक साख और मजबूत होगी।

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