अयोध्या में 108 फीट राम ध्वज का महा-उत्सव — 25 नवंबर को रामनगरी फिर इतिहास रचने को तैयार!
अयोध्या में 108 फीट राम ध्वज का महा-उत्सव — 25 नवंबर को रामनगरी फिर इतिहास रचने को तैयार!
अयोध्या | 18 नवंबर 2025 रामनगरी अयोध्या एक बार फिर भक्ति, परंपरा और भव्यता का केंद्र बनने जा रही है। राम मंदिर के ऐतिहासिक प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद शहर में पहली बार इतना बड़ा धार्मिक आयोजन हो रहा है—108 फीट ऊँचे ‘राम ध्वज’ की स्थापना। यह ध्वज सिर्फ कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं, संस्कृति और सनातन आस्था का प्रतीक है। शहर में अभी से वातावरण ऐसा है मानों दिवाली लौट आई हो—बाज़ार सजे हुए, सड़कें रोशन, और श्रद्धालुओं की भीड़ चारों ओर उमड़ी हुई।
क्यों खास है यह 108 फीट ऊँचा ‘राम ध्वज’? — आस्था के शिखर का प्रतीक
धर्माचार्यों के अनुसार:
- 108 अंक को हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है।
- यह राम नाम की 108 शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है।
- ध्वज की ऊँचाई आध्यात्मिक शक्ति और सनातन सामर्थ्य का प्रतीक है।
- इसे जहाँ स्थापित किया जा रहा है, वह स्थान त्रेतायुग से जुड़ी कथाओं का केंद्र माना जाता है।
यही कारण है कि श्रद्धालुओं के बीच इस ध्वज की स्थापना को “राम राज्य की घोषणा” कहा जा रहा है।
कैसे होगा पूरा कार्यक्रम – वैदिक मंत्रों से गूंजेगा अयोध्या
कार्यक्रम की मुख्य समय-सारणी:
- सुबह 7 बजे – कलश यात्रा
- सुबह 9 बजे – विशेष हवन और वैदिक अनुष्ठान
- 11 बजे – 108 फीट राम ध्वज की स्थापन
- दोपहर 1 बजे – संतों का प्रवचन
- शाम 6 बजे – दीप सज्जा और भजन संध्या
11 आचार्य और 101 ब्राह्मण पूरे अनुष्ठान को सुनिश्चित करेंगे ताकि ध्वज स्थापना पूरी तरह वैदिक रीति से हो।
लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ — अयोध्या में जनसागर उमड़ा
अयोध्या के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और होटल–धर्मशालाओं पर ‘हाउसफुल’ का बोर्ड लग चुका है। देश ही नहीं—नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस और इंडोनेशिया से भी भक्त पहुंच रहे हैं। एक श्रद्धालु ने कहा: “राम मंदिर के बाद यह सबसे बड़ा सौभाग्य है… यह जीवन का पुण्य दिवस होगा।”
प्रशासन की तैयारी: सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
- 10,000+ पुलिस बल तैनात
- ड्रोन सर्विलांस
- 300+ CCTV कैमरे
- मेडिकल इमरजेंसी पॉइंट
- ट्रैफिक डायवर्जन प्लान
- भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष टीम
प्रशासन का संदेश स्पष्ट है: “श्रद्धालुओं को सिर्फ भक्ति दिखे, भीड़ का तनाव नहीं।”
धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया — “राम ध्वज सिर्फ अयोध्या का नहीं, पूरे भारत का गौरव”
प्रमुख संतों ने कहा कि यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। उनका मानना है कि: “राम ध्वज की स्थापना से अयोध्या की पहचान नए रूप में दुनिया के सामने आएगी।” अयोध्या में होने वाले राम ध्वज स्थापना महाउत्सव ने संत समाज के हृदय में एक दिव्य लहर उत्पन्न कर दी है। देश के अलग-अलग कोनों से आए प्रमुख धर्माचार्य एक सुर में कह रहे हैं कि “यह ध्वज सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का धड़कता हुआ हृदय है।”
एक महामंडलेश्वर ने भावुक होकर कहा— “जब 108 फीट ऊँचा राम ध्वज हवा में लहराएगा, तब ऐसा लगेगा मानो भगवान स्वयं अपनी धरा को आशीर्वाद दे रहे हों।” संतों ने इस आयोजन को एक आध्यात्मिक चमत्कार बताया है, जिसके कारण अयोध्या की ऊर्जा, तेज और दिव्यता कई गुना बढ़ चुकी है।
एक युवा संत ने कहा— “ध्वज का उठना सिर्फ कपड़े का उठना नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था का उठना है।” उनके अनुसार यह 25 नवंबर सिर्फ एक तिथि नहीं बल्कि वह दिन है जब “रामभक्ति का महासूर्योदय” पूरी दुनिया देखेगी।
अयोध्या का बदलता चेहरा: पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
- राम मंदिर उद्घाटन के बाद हर महीने लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे
- चारों ओर नए होटल, रेस्टोरेंट और सुविधाएँ विकसित
- हैंडीक्राफ्ट, मिठाई और स्थानीय व्यापारियों को बड़ा लाभ
- यह आयोजन स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा देगा।
रोचक तथ्य
🔹 1. अयोध्या में लगने वाला यह अब तक का सबसे ऊँचा धार्मिक ध्वज होगा।
🔹 2. ध्वज में प्रयुक्त कपड़ा दक्षिण भारत के परंपरागत करघों से आया है।
🔹 3. ध्वज की स्थापना में 24 घंटे लगातार 108 बार ‘राम मंत्र’ का जाप होगा।
🔹 4. इस ध्वज की डिज़ाइन 7 बार बदली गई ताकि यह भूकम्प–वायुरोधक रहे।
🔹 5. विश्व के 12 देशों में रहने वाले भारतीयों ने ऑनलाइन इस आयोजन के लिए दान दिया है।
निष्कर्ष:
25 नवंबर का दिन अयोध्या के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाने वाला है। यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं—यह भारत की संस्कृति, परंपरा और सनातन शक्ति का उत्सव है। अयोध्या तैयार है… जगमगाने के लिए। रामनगरी फिर इतिहास रचने जा रही है।