बड़ी खबरें
लखनऊ | 18 नवंबर 2025-बातें यूपी की- आशीष तिवारी
बांग्लादेश की राजनीति में सोमवार को ऐसा झटका लगा जिसने पूरे दक्षिण एशिया को हिला दिया। देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका के विशेष न्यायाधिकरण ने मानवता-विरोधी अपराधों में फांसी की सज़ा सुनाई है। फैसला आते ही राजधानी ढाका में तनाव फैल गया, सुरक्षा कड़ी कर दी गई और सोशल मीडिया पर सरकारी निगरानी बढ़ गई।
अदालत का फैसला — 28 साल के राजनीतिक अध्याय का अंत
ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि हसीना के कार्यकाल (1996–2024) के दौरान: विपक्षी नेताओं की अवैध गिरफ्तारियाँ, चुनावी हिंसा और दमन, जबरन लापता किए गए लोग, पत्रकारों और असहमति रखने वालों पर कार्रवाई जैसे कई गंभीर अपराध हुए। अदालत ने कहा कि “इन घटनाओं ने नागरिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक ढांचे को गहरी चोट पहुँचाई।”
ढाका में माहौल: इंटरनेट धीमा, सुरक्षा तगड़ी
फैसले के बाद: कई जिलों में धारा 144 लागू, RAB और पुलिस के 15,000 से ज्यादा जवान तैनात, सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी, इंटरनेट स्पीड कम, हसीना समर्थक सड़कों पर, कई जगह झड़पें ढाका के कई इलाकों में दुकाने बंद करवाई गईं और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड लगाए गए हैं।
भारत की प्रतिक्रिया — सावधानी भरा रुख
18 नवंबर की सुबह विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया: “भारत न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करता है और बांग्लादेश में स्थिरता का समर्थन करता है।” भारत ने कहा कि वह दोनों देशों के हित में संवाद जारी रखेगा। विशेषज्ञों के अनुसार यह फैसला भारत-बांग्लादेश संबंधों में नया मोड़ ला सकता है — खासकर सीमा सुरक्षा, व्यापार और क्षेत्रीय कूटनीति पर।
अमेरिका, ब्रिटेन, EU और UN की प्रतिक्रिया
अमेरिका: “निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए।” ब्रिटेन: “यह फैसला दक्षिण एशिया की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।” EU: “मृत्यु दंड पर गहरी चिंता, बांग्लादेश में मानवाधिकार समीक्षा जरूरी।” संयुक्त राष्ट्र: “पीड़ितों के लिए अहम क्षण, पर मौत की सजा चिंता का विषय।” Amnesty International और Human Rights Watch ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
क्या हसीना अब बच सकती हैं?
उनके वकीलों ने स्पष्ट किया कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगी। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रक्रिया कई हफ्ते चल सकती है। यदि अपील खारिज हुई तो यह बांग्लादेश की राजनीति का सबसे बड़ा मोड़ साबित होगा।
जनता दो हिस्सों में बंट गई
कोर्ट के बाहर हसीना समर्थकों ने रो-रोकर नाराजगी जताई, जबकि विपक्षी दलों ने फैसले का स्वागत किया। सोशल मीडिया पर “#HasinaVerdict” और “#BangladeshTrial” ट्रेंड कर रहा है।
निष्कर्ष
शेख हसीना की फांसी का फैसला सिर्फ एक अदालत का निर्णय नहीं, बल्कि बांग्लादेश ही नहीं पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति को झकझोर देने वाली घटना है। दुनिया की नज़र अब इस पर है कि सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला देगा और आने वाले दिनों में ढाका का राजनीतिक भविष्य किस दिशा में जाएगा।
Editor
Published : 18 November, 2025, 2:40 pm
Author Info : ashish kumar tiwari