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PM मोदी होंगे G20 शिखर सम्मेलन में केंद्रबिंदु — 21–23 नवंबर को जोहान्सबर्ग में भारत की वैश्विक परीक्षा

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PM मोदी होंगे G20 शिखर सम्मेलन में केंद्रबिंदु — 21–23 नवंबर को जोहान्सबर्ग में भारत की वैश्विक परीक्षा

लखनऊ | 20  नवंबर 2025 – बातें यूपी की – आशीष तिवारी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 नवंबर तक दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में होने वाले G20 Leaders’ Summit 2025 में शामिल होंगे। यह शिखर सम्मेलन भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है—क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में भारत वैश्विक मंच पर न केवल एक मज़बूत आवाज़ बना है, बल्कि एक प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता के रूप में भी उभरा है। भारत को 2023 के दिल्ली G20 की सफलता के बाद दुनिया अब "Agenda Setter" की तरह देखती है। भारत की आर्थिक वृद्धि, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (जैसे UPI, आधार, ONDC) और संतुलित विदेश नीति ने दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा है। इस बार का सम्मेलन वैश्विक अर्थव्यवस्था, AI गवर्नेंस, सुरक्षा, जलवायु वित्त और डिजिटल सहयोग जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगा, जिन पर भारत का दृष्टिकोण बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 

 PM मोदी का प्रमुख एजेंडा

भारत इस शिखर सम्मेलन में पाँच बड़े मुद्दों पर अपना रुख मजबूती से रखेगा—

1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की वैश्विक निगरानी: दुनिया में AI के लिए कोई सार्वभौमिक नियम नहीं हैं। भारत लोकतांत्रिक और मानव-केंद्रित AI मॉडल को बढ़ावा देना चाहता है।

2. डिजिटल अर्थव्यवस्था और India Stack: UPI और आधार जैसे डिजिटल मॉडल को वैश्विक मानक बनाने का प्रस्ताव भारत रखेगा।

3. जलवायु वित्त और हरित तकनीक: भारत चाहता है कि विकसित देश सस्ती वित्तीय मदद दें और हरित तकनीक साझा करें।

4. आतंकवाद और समुद्री सुरक्षा: भारत लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग करता रहा है। इस बार साइबर सुरक्षा भी मुख्य मुद्दा रहेगी।

5. विश्व राजनीति में संतुलन: रूस-यूक्रेन, पश्चिम एशिया और चीन-ताइवान जैसी स्थितियों में भारत की तटस्थ और व्यावहारिक भूमिका दुनिया को भरोसेमंद लगती है।

 भारत की वैश्विक स्थिति क्यों मजबूत है?

·         भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।

·         डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत दुनिया के लिए उदाहरण बन चुका है।

·         भारत अब Global South की प्रमुख आवाज़ बन चुका है।

·         भारत की विदेश नीति संतुलित, व्यावहारिक और समाधान-आधारित है।

·         अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि भारत अब “Reaction” नहीं बल्कि “Direction” देता है।

 UPSC और UPPSC छात्रों के लिए क्यों महत्वपूर्ण?
इस सम्मेलन से जुड़े तथ्य और थीम परीक्षाओं में लगातार पूछे जाते हैं।
G20 के गठन, सदस्यों, भारत की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव—यह सब GS-II, GS-III और निबंध लिखने में बेहद उपयोगी है।
मुख्य तथ्य:
·         G20 गठन: 1999
·         सदस्य: 19 देश + यूरोपीय संघ + अफ्रीकी संघ
·         2025 की मेजबानी: दक्षिण अफ्रीका
·         वैश्विक GDP में G20 का हिस्सा: लगभग 85%
दुनिया भारत से क्या उम्मीद रखती है?
अमेरिका, जापान, फ्रांस, रूस, यूरोप, UAE, इंडोनेशिया, ब्राज़ील और अफ्रीका के कई देश भारत की नेतृत्व क्षमता को इस सम्मेलन में बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं।
भारत से उम्मीद है कि वह—
·         ऊर्जा संकट
·         डिजिटल सुरक्षा
·         जलवायु परिवर्तन
·         आतंकवाद
·         व्यापार संतुलन
पर एक स्पष्ट, व्यावहारिक और सभी को साथ लेकर चलने वाला रोडमैप प्रस्तुत करेगा। 

 

निष्कर्ष
बातें यूपी की राय है कि जोहान्सबर्ग में होने वाला यह G20 शिखर सम्मेलन केवल एक कूटनीतिक कार्यक्रम नहीं—बल्कि वह क्षण है जब भारत दुनिया के सामने अपनी वास्तविक नेतृत्व क्षमता दिखाएगा। PM मोदी की उपस्थिति इस सम्मेलन को और भी प्रभावशाली बनाती है। भारत आज सिर्फ एक सहभागी देश नहीं—बल्कि वैश्विक मुद्दों का समाधान देने वाला देश बन चुका है।

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