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भारत की अर्थव्यवस्था, वैश्विक टैरिफ वार और अनिश्चितताओं के बावजूद, सुधारों, बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के दम पर आगे बढ़ने के रास्ते पर है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में यह दावा किया। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की दीर्घकालिक वृद्धि वृहद आर्थिक स्थिरता, लचीला बाहरी क्षेत्र, राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण, घटती महंगाई, बेहतर रोजगार संभावनाओं और उच्च उपभोग खर्च से प्रेरित है।
आर्थिक वृद्धि पर जोखिम: वैश्विक अनिश्चितताएं
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी है कि वैश्विक अनिश्चितताएं आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में आर्थिक वृद्धि के लिए एक प्रमुख जोखिम साबित हो सकती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निजी क्षेत्र और नीति निर्माताओं को इन जोखिमों से निपटने के लिए सतर्क रहना होगा और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
भारत के लिए अवसर: वैश्विक व्यापार और विनिर्माण में मजबूती
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अमेरिका द्वारा जवाबी शुल्क लगाने और अन्य देशों के बीच जारी व्यापार तनाव के बावजूद भारत के पास वैश्विक व्यापार और विनिर्माण में अपनी स्थिति को मजबूती से बनाने का अवसर है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत को भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखनी चाहिए और इसका लाभ उठाते हुए रणनीतिक व्यापार वार्ता और घरेलू सुधारों के साथ विनिर्माण निवेशों में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
महंगाई पर राहत: बेहतर फसल उत्पादन से घट सकती हैं कीमतें
मुद्रास्फीति पर रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी फसल से जुड़ी अनिश्चितताएं काफी हद तक समाप्त हो चुकी हैं। इसके कारण, गेहूं और दालों के रिकॉर्ड उत्पादन से खाद्य कीमतों में और नरमी आने की उम्मीद जताई गई है। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी महंगाई के मोर्चे पर राहत प्रदान कर सकती है। हालांकि, व्यापार तनाव और भू-राजनीतिक जोखिम जैसी वैश्विक अनिश्चितताएं आपूर्ति को बाधित कर सकती हैं, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं।
कर्ज में कटौती से मिलेगा निजी निवेश को सहारा
वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि सरकारी कर्ज में जीडीपी के अनुपात में गिरावट से निजी निवेश को अतिरिक्त घरेलू संसाधन मिलेंगे, जिससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। विशेष रूप से, राज्य सरकारों के कर्ज में कमी करने से राजकोषीय अनुशासन में सुधार होगा और यह देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देगा।
कृषि क्षेत्र में उज्जवल भविष्य
चालू वित्त वर्ष में स्वस्थ जलाशय स्तर और मजबूत फसल उत्पादन की उम्मीदों से कृषि क्षेत्र के लिए संभावनाएं उज्जवल बनी हुई हैं। यह उम्मीद जताई जा रही है कि कृषि क्षेत्र में इस साल मजबूत वृद्धि देखने को मिलेगी, जो देश की समग्र आर्थिक वृद्धि को समर्थन देगी। सारांश में, वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपने दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को हासिल करने के रास्ते पर है, बशर्ते नीति निर्माताओं और निजी क्षेत्र की ओर से समय रहते आवश्यक कदम उठाए जाएं।
Baten UP Ki Desk
Published : 30 April, 2025, 2:13 pm
Author Info : Baten UP Ki