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प्यार से करेगी सरकार 35 लाख करोड़ की टैक्स वसूली, टैक्स पेयर्स के बीच बढ़ाया जाएगा भरोसा

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केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष कर विवादों को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'विवाद से विश्वास 2.0' योजना की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगी। यह पहल उन लंबित कर मामलों को तेजी से सुलझाने के उद्देश्य से लाई गई है, जो वर्षों से कानूनी प्रक्रियाओं में उलझे हुए हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के तहत 2.7 करोड़ प्रत्यक्ष कर विवादों का निपटारा कर लगभग 35 लाख करोड़ रुपये की कर मांगों पर समाधान की दिशा में प्रयास किया जाएगा।

राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करने का उद्देश्य-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 में इस योजना का उल्लेख करते हुए कहा था कि इसका मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना, करदाताओं के लिए सेवाओं को बेहतर करना, विवादों को कम करना और राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करना है।

पहले चरण की सफलता और योजना का उद्देश्य-

‘विवाद से विश्वास’ योजना का पहला चरण 2020 में शुरू किया गया था, जिसमें करीब 1 लाख करदाताओं ने भाग लिया और सरकार को लगभग 75,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसकी सफलता के बाद, सरकार ने बजट 2024-25 में इस योजना के दूसरे चरण को लॉन्च करने का निर्णय लिया, जिसे अब 'विवाद से विश्वास 2.0' कहा जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर विवादों को शीघ्र समाधान देना और करदाताओं के बीच विश्वास को बढ़ावा देना है। सरकार का लक्ष्य है कि कर अधिकारियों और करदाताओं के बीच की दूरी को कम किया जाए, ताकि विवादों को बिना किसी दबाव या धौंस के, सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके।

एसेसमेंट और अपील की प्रक्रिया में बदलाव-

'विवाद से विश्वास 2.0' योजना के साथ ही सरकार ने एसेसमेंट और अपील की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब दोबारा एसेसमेंट की कार्रवाई शुरू करने की समयसीमा को कम किया गया है, जिससे केस जल्दी सुलझ सकें। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि आयकर से जुड़े मामलों में दोबारा एसेसमेंट की कार्रवाई अब एसेसमेंट ईयर के खत्म होने के बाद 3 से 5 साल के भीतर ही की जा सकेगी, लेकिन यह शर्त होगी कि मामला 50 लाख रुपये या उससे अधिक का हो। इसके अलावा, लीगल प्लेटफॉर्म पर टैक्स अधिकारियों के लिए अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा को भी बढ़ाया गया है।

कर सुधार और राजस्व वृद्धि का लक्ष्य-

सरकार का इस योजना के माध्यम से कर सुधार का एक बड़ा उद्देश्य है। करदाता सेवाओं में सुधार और कर प्रणाली को सरल बनाने के साथ ही, सरकार ने टैक्स में पारदर्शिता और निश्चितता को बढ़ावा देने की बात कही है। 'विवाद से विश्वास 2.0' योजना न केवल कर विवादों को सुलझाने का काम करेगी, बल्कि सरकार के राजस्व में वृद्धि के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। सरकार को उम्मीद है कि यह योजना करदाताओं के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में मदद करेगी और लंबित कर विवादों को सुलझाने के साथ ही, भविष्य में नए विवादों के निर्माण को भी रोकेगी।

करदाताओं के लिए सहूलियत-

‘विवाद से विश्वास 2.0’ के अंतर्गत, करदाताओं को कई सहूलियतें दी जाएंगी। करदाता बिना किसी अतिरिक्त जुर्माने के विवादित कर राशि का भुगतान कर सकेंगे। इस योजना में टैक्स अधिकारियों की भूमिका को भी पूरी तरह से पारदर्शी और करदाताओं के प्रति सहायक बनाने का प्रयास किया गया है। ‘विवाद से विश्वास 2.0’ योजना सरकार का एक सशक्त कदम है, जिससे कर प्रणाली में पारदर्शिता आएगी, कर विवादों में कमी होगी और राजस्व में वृद्धि होगी। यह योजना करदाताओं और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाकर भविष्य के लिए मजबूत कर व्यवस्था की नींव रखेगी।

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