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भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को जोरदार तेजी देखी गई। इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर की खबर, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, विदेशी निवेशकों की सक्रियता और RBI की नई वित्तीय नीतियों ने बाजार को मजबूती दी। आज सुबह बाजार खुलते ही सेंसेक्स ने 500 अंकों की छलांग लगाई और 82,350 के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया। निफ्टी भी 150 अंक चढ़कर 25,130 के पार निकल गया।
सेंसेक्स और निफ्टी में व्यापक तेजी
BSE सेंसेक्स के 30 में से 29 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। अडाणी पोर्ट्स में सबसे अधिक 4% की तेजी देखी गई। वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, और महिंद्रा के शेयरों में 1 से 3% तक की बढ़त रही। हालांकि NTPC, BEL और ट्रेंट जैसे कुछ शेयरों में हल्की गिरावट भी दर्ज की गई।
NSE निफ्टी के 50 में से 45 शेयरों में तेजी रही। सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में रहे, जिसमें सबसे अधिक उछाल सरकारी बैंकों (2.38%) और मेटल सेक्टर (2.03%) में रहा। ऑटो, रियल्टी, आईटी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टरों ने भी मजबूती दिखाई।
बाजार की तेजी के पीछे चार बड़े कारण:
इजराइल-ईरान सीजफायर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सुबह 3:30 बजे इजराइल और ईरान के बीच संघर्षविराम की घोषणा की। इससे वैश्विक तनाव में राहत मिली और निवेशकों की धारणा बेहतर हुई।
क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट: ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.8% गिरकर 67.17 डॉलर/बैरेल पर पहुंच गई, जिससे महंगाई पर दबाव कम होने की उम्मीद बढ़ी।
निवेशकों की सक्रियता: विदेशी निवेशकों (FIIs) ने सोमवार को 5,591.77 करोड़ रुपये के शेयर्स खरीदे, जबकि जून में अब तक ₹9,488 करोड़ की शुद्ध खरीदारी हो चुकी है।
RBI की वित्तीय ढील: इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने बैंकों और NBFCs के लिए नियमों में ढील दी, जिससे बैंकिंग शेयरों में मजबूती आई।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिला समर्थन
एशियाई बाजारों में भी तेजी का माहौल रहा। जापान का निक्केई 1.08%, कोरिया का कोस्पी 2.48%, हांगकांग का हैंगसेंग 2.02% और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.96% ऊपर बंद हुए। अमेरिका के बाजार भी सोमवार को मजबूती के साथ बंद हुए — डाउ जोन्स 0.89%, नैस्डैक 0.94% और S&P 500 में 0.96% की तेजी रही।
सोमवार को आई थी गिरावट
इससे पहले सोमवार को बाजार में बिकवाली देखने को मिली थी। सेंसेक्स 511 अंक टूटकर 81,897 पर बंद हुआ था जबकि निफ्टी 141 अंक गिरकर 24,972 पर आ गया था। IT और FMCG शेयरों में गिरावट रही, हालांकि मेटल और मीडिया सेक्टर ने संभालने की कोशिश की।
नज़रें आगे की चाल पर
विश्लेषकों का मानना है कि अगर वैश्विक हालात स्थिर रहते हैं और क्रूड कीमतें नियंत्रण में बनी रहती हैं तो भारतीय बाजार में यह तेजी और आगे भी जारी रह सकती है। साथ ही, निवेशकों को आगामी RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा और अमेरिकी महंगाई आंकड़ों पर भी नज़र रखनी होगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 24 June, 2025, 1:40 pm
Author Info : Baten UP Ki