बड़ी खबरें

यूपी के 29 जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट, प्रयागराज और अयोध्या में डूबे घाट, सड़क पर हो रहे अंतिम संस्कार, वाराणसी में गंगा का वॉर्निंग लेवल पार 15 घंटे पहले सीएम योगी की अफसरों को सख्त चेतावनी, जन शिकायतों की मिथ्या रिपोर्ट लगाई तो होगी कार्रवाई 15 घंटे पहले यूपी के सरकारी अस्पतालों में मरीजों से सलीके से बात करना सिखा रही सरकार, स्टॉफ को अच्छे बर्ताव की मिलेगी ट्रेनिंग, सीएम के निर्देश पर शुरू हुई पहल 15 घंटे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय का 67वां कॉन्वोकेशन आज,1 लाख 6 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को मिलेगी उपाधि, 198 मेडल से नवाजे जाएंगे मेधावी 15 घंटे पहले एग्जिम बैंक में मैनेजमेंट ट्रेनी के पदों पर निकली भर्ती, 18 सितंबर से शुरू होंगे आवेदन, 85 हजार तक सैलरी 15 घंटे पहले रेलवे में अप्रेंटिस के 4096 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की आखिरी तारीख आज, 10वीं पास करें तुरंत अप्लाई 15 घंटे पहले एसबीआई में स्पेशलिस्ट कैडर के लिए 1500 से ज्यादा पदों पर निकली भर्ती, 4 अक्तूबर 2024 तक sbi.co.in पर कर सकते हैं आवेदन 15 घंटे पहले

देश में पहली बार ड्रोन से ब्लड सप्लाई

Blog Image

तकनीक ने हमारे जीवन को कितना आसान बना दिया है। ये तकनीक का ही असर है कि हम अपने रोजमर्रा के काम पलक झपकते ही निपटा लेते हैं। हमारे जीवन की रक्षा के लिए अब ड्रोन की सहायता ली जाएगी। मतलब वैक्सीन पहुंचाने के बाद अब ड्रोन से खून की थैली पहुंचाने का ट्रायल भी शुरू हो गया है और ये देश में पहली बार हुआ है ग्रेटर नोएडा में। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सहयोग से ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी जिम्स और दिल्ली स्थित लेडी हार्डिंग अस्पताल की टीम ने इस पर अध्यन शुरू किया है। इसके तहत जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के परिसर से दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल मे 10 यूनिट ब्लड पहुंचाया गया। अब टीम इस पर अलग-अलग चरणों में अध्यन करेगी।
ट्रांसपोर्टेशन का ब्लड की गुणवत्ता पर असर- जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के परिसर से दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल मे 10 यूनिट ब्लड पहुंचाने को मेडिकल क्षेत्र में क्रांति के रूप में देखा जा रहा है। अब टीम अध्ययन कर ये पता लगाएगी कि ब्लड को ड्रोन के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में उसकी गुणवत्ता तो नहीं प्रभावित हुई। टीम इस पर अध्ययन कर देखेगी कि ड्रोन के वाइब्रेशन और ऊंचाई पर उड़ने से हवा के दबाव से रेड ब्लड सेल्स, फ्रोजन प्लाज्मा और प्लेटलेट्स पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा है।

ऐसे होगा ब्लड की गुणवत्ता का अध्ययन- सुबह 7 से 8 बजे तक ब्लड बैग के रक्त की गुणवत्ता की जांच कर उसका अध्ययन किया जाएगा। इसके लिए जिम्स और लेडी हार्डिंग से सड़क मार्ग से ब्लड जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी  के परिसर में भेजा जाएगा। इसके साथ ही जेपी अस्पताल में ब्लड को ड्रोन में रखकर अगल-अगल समय के लिए परिसर के अंदर ही उड़ाया जाएगा। इन तीनों सैंपल में रेड ब्लड सेल्स, फ्रोजन प्लाज्मा और प्लेटलेट्स, व्हाइट ब्लड सेल्स का अध्ययन किया जाएगा। अध्ययन के दौरान रक्त के हर कंपोनेंट की 30-30 यूनिट की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा। इस तरफ कुल 120 यूनिट ब्लड के कंपोनेंट पर ये परीक्षण किया जाएगा। आईसीएमआर ने आईआईटी दिल्ली से एक ड्रोन तैयार कराया है जिसके जरिए ये प्रयोग किया जा रहा है। तीन महीने में नीति आयोग के रिपोर्ट भेजी जाएगी।
आईसीएमआर 20 से 80 किलोमीटर तक ड्रोन से ब्लड भेजने को लेकर अध्ययन करने जा रहा है। यदि ब्लड की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं हुआ तो फिर अगले चरण में इसे बढ़ाकर 100 किलोमीटर किया जा सकता है।
अगर ये प्रयोग सफल रहा तो दूर-दराज स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में समय पर ब्लड पहुंचा कर लोगों की जान बचाई जा सकेगी। 

 


 

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें