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यूपी का ये शहर है सबसे ज्यादा प्रदूषित, प्रदूषण से परेशान हैं यूपी के कई सिटी

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उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है। सोमवार को नोएडा राज्य का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 263 तक पहुंच गया। गाजियाबाद 262 AQI के साथ दूसरे स्थान पर रहा। हापुड़ 259 AQI के साथ तीसरे और मेरठ 210 AQI के साथ चौथे नंबर पर रहा। हालाँकि, मुजफ्फरनगर में हालात कुछ बेहतर हुए और वहां AQI 147 दर्ज किया गया, जो अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति है।

NCR में 15 सितंबर से लागू हुआ GRAP-

हर साल सर्दियों के मौसम में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया जाता है। इस साल, बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इसे 15 सितंबर से ही लागू कर दिया गया है। GRAP के तहत लगभग 23 विभागों की जिम्मेदारी होगी, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, सिंचाई विभाग, PWD, NHAI, स्वास्थ्य विभाग और RTO शामिल हैं।

GRAP के चार चरणों की जानकारी-

GRAP को वायु गुणवत्ता के हिसाब से चार चरणों में लागू किया जाता है, जो अलग-अलग स्थितियों के अनुसार प्रदूषण पर नियंत्रण के उपायों का पालन करते हैं। आइए, इन चार चरणों पर नज़र डालते हैं:

पहला चरण: AQI 201-300

अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स 201 से 300 के बीच होता है, तो GRAP का पहला चरण लागू होता है। इसमें निम्नलिखित कदम उठाए जाते हैं:

  • निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है।
  • सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव होता है।
  • कचरा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होता है।
  • डीजल जनरेटर का उपयोग बंद कर दिया जाता है।

दूसरा चरण: AQI 301-400

अगर AQI 301 से 400 के बीच हो, तो GRAP का दूसरा चरण लागू होता है:

  • डीजल जनरेटर के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध।
  • होटल और रेस्तरां में कोयले और तंदूर का उपयोग बंद होता है।
  • पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी।
  • इलेक्ट्रिक और CNG बसों के चक्कर बढ़ाए जाते हैं, और मेट्रो की सेवाओं में भी वृद्धि की जाती है।

तीसरा चरण: AQI 401-450

जब एयर क्वालिटी 401 से 450 के बीच होती है, तो तीसरा चरण लागू होता है:

  • निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध।
  • सड़कों की दैनिक सफाई और पानी का छिड़काव अनिवार्य।
  • दिल्ली-NCR क्षेत्र में माइनिंग गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है।

चौथा चरण: AQI 450 से अधिक

  • यदि AQI 450 से ज्यादा हो, तो यह स्थिति बेहद गंभीर होती है और GRAP का चौथा चरण लागू होता है:
  • शहर में ट्रकों की एंट्री बंद कर दी जाती है, सिवाय आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले ट्रकों के।
  • इंडस्ट्री और फैक्ट्रियों पर पूर्ण रोक।
  • निर्माण और डिमोलिशन गतिविधियां पूरी तरह से बंद।
  • कार्यालयों में सिर्फ 50% कर्मचारी ही आएंगे, बाकी लोग घर से काम करेंगे।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए गाइडलाइन्स

सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो जिले के विभिन्न विभागों द्वारा लागू किए जा रहे हैं:

  • सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव और सफाई।
  • निर्माण स्थलों पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए PTZ कैमरों की स्थापना।
  • जिले की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश।
  • नगर निकाय और पंचायत द्वारा खुले में कचरा डालने पर रोक।
  • स्वच्छ वायु ऐप, फेसबुक और X (ट्विटर) के जरिए प्रदूषण संबंधी शिकायतों का त्वरित समाधान।

मौसम में बदलाव के संकेत: तापमान में गिरावट-

वायु प्रदूषण के बीच, मेरठ में सोमवार को तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 33.7°C और न्यूनतम तापमान 19.6°C दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, धीरे-धीरे तापमान में और गिरावट आ सकती है, जिससे रात के समय नमी बढ़ रही है। यह बदलाव आगामी मौसम की ठंडक की ओर इशारा कर रहा है।

वायु प्रदूषण की गंभीरता बनी चिंता का विषय-

उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में वायु प्रदूषण की गंभीरता चिंता का विषय बनी हुई है। GRAP के तहत सरकार द्वारा उठाए गए कदम न केवल प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास हैं, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकेत भी है।

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