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उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को सख्त कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब इस योजना के तहत होने वाले विवाह कार्यक्रमों में वर-वधू दोनों की बायोमेट्रिक उपस्थिति (Biometric Attendance) अनिवार्य कर दी गई है। साथ ही, जिन आयोजनों में 100 या उससे अधिक जोड़े विवाह करेंगे, वहां संबंधित जिलाधिकारी (DM) की व्यक्तिगत मौजूदगी भी आवश्यक होगी।
आधार सत्यापन में लापरवाही पर सख्ती
सरकार ने स्पष्ट किया है कि कन्या के आधार सत्यापन में किसी भी तरह की लापरवाही होने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री का यह कदम योजना को पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
समारोह की गुणवत्ता भी होगी सुनिश्चित
समारोह में दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन के लिए मानक तय किए जाएंगे, जिनका सख्ती से पालन कराया जाएगा। सरकार ने साफ किया है कि फर्मों के चयन की प्रक्रिया अब निदेशालय स्तर से की जाएगी ताकि जिला स्तर पर किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सके।
निगरानी के लिए मंडलीय अधिकारी और आब्जर्वर होंगे तैनात
समारोह की निगरानी के लिए मंडलीय उपनिदेशकों और जिला समाज कल्याण अधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य होगी। इतना ही नहीं, एक जिले के अधिकारी को दूसरे जिले में आब्जर्वर के रूप में भेजा जाएगा ताकि निष्पक्ष निगरानी सुनिश्चित हो सके। किसी भी अनियमितता की स्थिति में ये अधिकारी सीधे निदेशालय या मंडलीय उपनिदेशक को रिपोर्ट करेंगे।
एक लाख विवाहों का लक्ष्य
योजना के प्रभारी उपनिदेशक आरपी सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 में सरकार ने लगभग एक लाख जोड़ों का विवाह कराने का लक्ष्य रखा है। समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि सरकार की मंशा है कि यह योजना सही लाभार्थियों तक पहुंचे, और इसके संचालन में किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो।
योजना में पारदर्शिता के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में यह नया कदम यूपी सरकार की जनहित, पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाता है। बायोमेट्रिक उपस्थिति और डीएम की निगरानी जैसे उपाय योजना को और अधिक विश्वसनीय और प्रभावी बनाएंगे।
Baten UP Ki Desk
Published : 24 June, 2025, 8:57 pm
Author Info : Baten UP Ki