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नोएडा को मिलेगी स्वच्छ हवा, इजराइली तकनीक करेगी कमाल!

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नोएडा शहर में वायु प्रदूषण पर काबू पाने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इजराइली ड्रिप सिंचाई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस योजना के तहत, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट (टीटीपी) के शोधित जल का इस्तेमाल पौधों और हरित क्षेत्रों की सिंचाई के लिए किया जाएगा।

इजराइली तकनीक का जल संरक्षण में उपयोग-

शहर के 3757.57 एकड़ क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिससे जल वितरण आसान होगा और जल टैंकरों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। इस योजना को सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित किया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा। इसके वित्तीय खर्च को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा वहन किया जाएगा, जो प्रदूषण पर जुर्माने से प्राप्त धन का उपयोग करेगा।

हरित क्षेत्रों का निरीक्षण और भविष्य की योजनाएं-

हाल ही में, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के सदस्य डॉ. एनपी शुक्ला ने नोएडा के कई पार्क और ग्रीन बेल्ट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि प्राधिकरण एसटीपी से निकले शोधित जल का उपयोग तो कर रहा है, लेकिन यह जल टैंकरों के माध्यम से लाया जा रहा है। इससे समय, श्रम और धन की काफी बर्बादी हो रही है, साथ ही मैनपावर की अधिकता के कारण इसमें गलतियों की गुंजाइश भी बनी रहती है।

इजराइली तकनीक से हरित क्षेत्रों की सिंचाई-

प्राधिकरण को सुझाया गया कि वह इजराइली ड्रिप तकनीक का इस्तेमाल करके ग्रीन बेल्ट और हरित क्षेत्रों की सिंचाई सुनिश्चित करे। इस तकनीक के इस्तेमाल से पौधे कभी जल की कमी से नहीं सूखेंगे, और सिंचाई की प्रक्रिया अधिक कारगर और सटीक होगी। हालांकि, इस योजना को लागू करने के लिए बड़ा बजट चाहिए, जिसे लेकर प्राधिकरण ने चिंता जताई थी।

सीएक्यूएम द्वारा बजट का समाधान-

सीएक्यूएम ने प्राधिकरण को आश्वस्त किया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के तहत जुर्माना राशि से जमा किए गए फंड का इस्तेमाल इस परियोजना के लिए किया जा सकता है। सीएक्यूएम के पास पर्याप्त फंड हैं, जो इस योजना को धरातल पर उतारने में मदद करेंगे। इसके बाद प्राधिकरण को निर्देशित किया गया है कि वह इस योजना का प्रस्ताव तैयार कर उसे सीएक्यूएम की कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करें।

स्वच्छ हवा और हरित क्षेत्रों की देखरेख में मील का पत्थर-

इस योजना के क्रियान्वयन से नोएडावासियों को स्वच्छ हवा मिलेगी और हरित क्षेत्रों की देखरेख में सुधार होगा। इजराइली तकनीक से जल और श्रम की बचत होगी, साथ ही पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम उठाया जाएगा। प्राधिकरण जल्द ही इस योजना को लागू करने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है।

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