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उत्तर प्रदेश की (प्रस्तावित) नहरें- भाग 3

आज का यह लेख उत्तर प्रदेश की कुछ प्रस्तावित नहरों के बारे में जानकारी पर चर्चा करने के लिए है। इनमे से कुछ पर कार्य चालू है और कुछ सिर्फ कागजों पर प्रस्तावित हैं। 

राजघाट नहर
इस कड़ी में सबसे पहला नाम आता है- राजघाट नहर। राजघाट नहर उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की संयुक्त परियोजना है। राजघाट बांध बेतवा नदी पर ललितपुर जिले में प्रस्तावित है। इस नहर के बन जाने से बुंदेलखंड क्षेत्र को लाभ मिलने की उम्मीद है जो भयंकर पानी की कमी से जूझता है।

सरयू घाघरा नहर
इसी तरह एक और प्रस्तावित योजना है- सरयू घाघरा नहर। इस परियोजना में बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती और गोरखपुर जिलों को लाभ मिलेगा। इस परियोजना के अंतर्गत घाघरा नदी पर एक नहर निर्मित कर ली गई है तथा सरयू और राप्ती से नहरों का निर्माण प्रस्तावित है।

मध्य गंगा नहर
इसी कड़ी में अगला नाम आता है-मध्य गंगा नहर। इस नहर को बिजनौर के पास से गंगा बैराज से निकाला गया है और इसका निर्माण कार्य 2007 में शुरू हुआ था। इस नहर से मुरादाबाद संभल अमरोहा और बदायूं जिलों को लाभ होगा।

कन्हार नहर परियोजना 
इसी तरह मिर्जापुर क्षेत्र में कन्हार नहर परियोजना भी प्रस्तावित है जिसका निर्माण कन्हार नदी पर किया जाना है। इस परियोजना के पूरा होने पर सोनभद्र जिले के 100 से भी ज्यादा गांवों को लाभ मिलेगा।

अर्जुन सहायक परियोजना
इसी तरह उत्तर प्रदेश में अर्जुन सहायक परियोजना बदायूं नहर परियोजना जैसे और कई छोटी छोटी परियोजनाएं प्रस्तावित है। जिनके निर्माण से प्रदेश में सिंचाई की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होगी और किसानों को इसका लाभ मिलेगा।

 

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