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भारत भर में उत्तर प्रदेश अपनी नदियों के एक बड़े सिंचाई बेसिन के चलते प्रसिद्ध है। यही नदी-बेसिन है जो प्रदेश की मैदानी भूमि को अधिक उपजाऊ और कृषि-उपयुक्त बनाता है। यही नहीं यमुना, गोमती, सोन, घाघरा, गंगा आदि प्रमुख नदियों के चलते ही कई तीर्थ नगर भी विकसित हुए है। उत्तर प्रदेश में तीस से अधिक नदियों से मिलकर पांच प्रमुख नदी बेसिन बनते हैं, जो इस प्रकार हैं- गंगा बेसिन, यमुना बेसिन, रामगंगा बेसिन, घाघरा बेसिन और गोमती बेसिन। नदियों के उद्गम स्रोत के आधार पर उत्तर प्रदेश की नदियों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
गंगा और यमुना उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नदियां है। इनका बहाव उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण में विंध्याचल द्वारा निर्धारित है। उत्तर प्रदेश की अन्य प्रमुख नदियों में घाघरा, गोमती, चंबल, सोन, कर्मनाशा, चंद्रप्रभा, रिहंद बेलन एवं धसान उल्लेखनीय हैं।
हिमालय पर्वत से निकलने वाली उ.प्र. की प्रमुख नदियां गंगा,यमुना,काली/शारदा, रामगंगा, घाघरा, गंडक और राप्ती हैं। उ.प्र. के मैदानी भाग से निकलने वाली प्रमुख नदियां गोमती, वरुणा, पांडो, सई और ईशन हैं । प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाली उ.प्र. की प्रमुख नदियां चंबल, बेतवा, केन, सोन, टोंस, कन्हार तथा रिहंद हैं। जिनका सामान्य प्रवाह दक्षिण से उत्तर है।
गंगा नदी: उ.प्र. की सर्वाधिक लंबी नदी 'गंगा नदी' है। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी 1450 किमी. लंबा मार्ग तय करती है। गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियां- रामगंगा, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोसी एवं यमुना हैं । उत्तरी किनारे से मिलने वाली सहायक नदियां रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी व बागमती तथा दक्षिण किनाने से मिलने वाली सहायक नदियां यमुना, टोंस एवं सोन हैं। गंगा नदी, यमुना एवं पौराणिक सरस्वती नदी से प्रयागराज में मिलती है। गंगा नदी का उद्गम गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से होता है। उद्गम स्थान पर गंगा की मुख्य धारा को भागीरथी के नाम से जाना जाता है। भागीरथी एवं अलकनंदा नदी की ही संयुक्त धारा गंगा नदी है। इन दोनों नदियों का संगम देव प्रयाग उत्तराखंड में होता है। धौलीगंगा नदी अलकनंदा नदी से विष्णु प्रयाग में मिलती है। मंदाकिनी नदी प्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है। हरिद्वार से गंगा नदी मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। बिजनौर जनपद से गंगा नदी उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है। गंगा नदी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर बहती है। कन्नौज के निकट गंगा नदी से रामगंगा नदीं मिलती है। गंगा नदी बांग्लादेश में बंगाल की खाड़ी से मिलती है। गंगा नदी के किनारे स्थित उ.प्र. के प्रमुख नगर हैं- पखाबाद, कन्नौज, कानपुर, प्रयागराज मिजांपुर वाराणसी, गाजीपुर गढ़मुक्तेश्वर आदि। कानपुर, गंगा नदी के दाएं किनारे एवं वाराणसी बाएं किनारे पर स्थित है।
यमुना नदीः यमुना नदी का उद्गम बंदरपूंछ के पश्चिमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमनद से होता है यमुना उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में बहती है यमुना नदी उ.प्र. के सहारनपुर, शामली, बागपत, गाजियाबाद गौतमबुद्ध नगर अलीगढ़, मथुरा, आगरा, इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर एवं प्रयागराज जिलों से होकर बहती है। चंबल नदी यमुना नदी से इटावा के पास मिलती है। बेतवा, यमुना नदी से हमीरपुर के निकट मिलती है। बांदा में भोजा के निकट यमुना नदी से केन नदीं मिलती है। उ.प्र. में यमुना नदी वृहत चाप का निर्माण करती है। उ.प्र. के मथुरा, वृंदावन आगरा इटावा काल्पी, हमीरपुर एवं कौशाम्बी यमुना नदी के किनारे अवस्थित प्रमुख नगर हैं।
रामगंगा नदीः रामगंगा नदी का उद्गम हिमालय की दूधाटोली श्रेणी (पौड़ी गढ़वाल) से होता है। रामगंगा नदी, जिम कार्बेट नेशनल पार्क से होकर बहती है। रामगंगा नदी कालागढ़ (उत्तराखंड निकट बिजनौर जिला उत्तर प्रदेश) से मैदानी भागों में प्रवेश करती है।
शारदा नदीः शारदा नदी का उद्गम कुमाऊं हिमालय (मिलाम ग्लेशियन) सं है। प्रारंभ में इसे काली गंगा या गौरी गंगा के नाम से जाना जाता है। शारदा नदी पीलीभीत एवं नेपाल की सीमा निर्धारित करती | शारदा नदी ब्रह्मदेव के निकट मैदानी भागों में प्रवेश करती है। सांप की भांति रोवे मेवे मार्ग से होकर प्रवाहित होने वाली नदी नदी है। शारदा एवं घाघरा नदी का संगम बहरामघाट के निकट होता है।
घाघरा नदी: घाघरा नदी का उद्गम मापेचाचुंगो हिमनद (तिब्बत) से होता है। घाघरा नदी की सहायक नदियां करनाली, शिख, टीला, सेटी, बेरी, राप्ती एवं छोटी गंडक हैं। इसे सरयू नदी के नाम से भी जाना जाता है। अयोध्या सरयू नदी के किनारे अवस्थित है। 1080 किमी. प्रवाहित होने के बाद यह नदी छपरा (बिहार) के निकट गंगा नदी से मिलती है।
राप्ती नदीः राप्ती नदी का उद्गम स्थल रुकुमकोट (नेपाल) है। राप्ती की प्रमुख सहायक नदी रोहिणी है। राप्ती एवं घाघरा नदियों का संगम देवरिया में बरहज नामक स्थान पर होता है।
चंबल नदी: चंबल नदी का उद्गम जनापाव पहाड़ी, महू (मध्य प्रदेश) से होता है चंबल की प्रमुख सहायक नदियां काली सिंध, पार्वती एवं बनास हैं। चंबल नदी मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश राज्यों की सीमा को निर्धारित करती है। चंबल नदी पर बनाए गए प्रमुख बांध हैं- गांधी सागर बांध, राणा प्रताप सागर बांध एवं जवाहर सागर बांध। चंबल नदी अपने अवनालिका अपरदन एवं बीहड़ों के लिए प्रसिद्ध है। चंबल नदी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यमुना में मिल जाती है।
बेतवा नदी: बेतवा नदी का उद्गम कुमरा गांव रायसेन (म.प्र.) से होता है बेतवा नदी उ.प्र. के झांसी, औरैया, जालौन एवं हमीरपुर जिलों से होकर बहती है। यह नदी हमीरपुर के समीप यमुना नदी में मिलती है। इसका संस्कृत नाम 'वेत्रवती' है। बेतवा नदी पर निर्मित राजघाट बांध के जलाशय को 'रानी लक्ष्मीबाई सागर' के नाम से जाना जाता है।
केन नदी: केन नदी का उद्गम कैमूर पहाड़ियों से होता है। इसे कर्णवती उपनाम से भी जाना जाता है। केन नदी एवं यमुना नदी का संगम भोवहा (बांदा) से निकट होता है।
सोन नदी: सोन नदी का उद्गम शेषाकुंड ( अमरकंटक पहाड़िया) से होता है। सोन नदी उ.प्र. के मिजांपुर एवं सोनभद्र जिलों से होकर प्रवाहित होती है। सोन की सहायक नदियों में रिहन्द कनहर उत्तरी कोयल आदि हैं।
गंगा नदी तंत्र
गोमती नदीः गोमती नदी का उद्गम उ.प्र. के पीलीभीत जिले की फुल्हर झील से होता है। गोमती नदी उ.प्र. के पीलीभीत शाहजहांपुर, खीरी, सीतापुर, लखनऊ, सुल्तानपुर एवं जौनपुर जिलों से होकर प्रवाहित होती हुई गाजीपुर जिले में गंगा नदी से मिल जाती है। उ. प्र. की राजधानी लखनऊ, सुल्तानपुर और जौनपुर नगर गोमती नदी के किनारे ही स्थित हैं।
टोंस नदी: टोंस नदी का उद्गम तामकुंड कैमूर श्रेणी (मध्य प्रदेश) से होता है। टोंस की प्रमुख सहायक नदी बेलन नदी है। टोंस नदी पर कई प्रसिद्ध जलप्रपात स्थित हैं। टोंस एवं गंगा नदी का संगम सिरसा (प्रयागराज) में होता है। ध्यातव्य है कि टोंस नामक एक अन्य नदी (जो यमुना में मिलती है) का उद्गम बंदरपूंछ पहाड़ी उत्तराखंड से होता है, परंतु यह उत्तर प्रदेश में प्रवाहित नहीं होती है।
अन्य नदियां: हिण्डन नदी, यमुना की सहायक नदी है। यह सहारनपुर जिले में ऊपरी शिवालिक से निकलती है। यह गंगा और यमुना के बीच लगभग 400 किमी. तक बहती है। कर्मनाशा नदी गंगा की सहायक नदी है। यह बिहार के कैमूर जिले में स्थित कैमूर श्रेणी से निकलती है। यह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के मैदानी भागों से बहते हुए आगे बिहार एवं उत्तर प्रदेश की सीमा का निर्धारण करती है। चौसा के निकट कर्मनाशा नदी गंगा में मिल जाती है। मगई नदी, गंगा की सहायक नदी है। कुकरैल नदी, गोमती की सहायक नदी है।
Baten UP Ki Desk
Published : 14 March, 2023, 4:22 pm
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