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यूपी की नदियाँ बनेंगी व्यापार और पर्यटन का हॉटस्पॉट! व्यापार और पर्यटन में आएगी नई क्रांति...

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उत्तर प्रदेश, जो पहले से ही अपने राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के नेटवर्क के लिए प्रसिद्ध है, अब अपनी नदियों को जल परिवहन के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। गंगा के बाद अब प्रदेश की अन्य प्रमुख नदियाँ जैसे गोमती, यमुना, घाघरा (सरयू), बेतवा, चंबल, और अन्य में भी क्रूज और मालवाहन जहाजों का संचालन शुरू होगा। यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि माल ढुलाई में भी किफायती और टिकाऊ विकल्प प्रदान करेगी।

नदियों से माल ढुलाई: सस्ता और इको-फ्रेंडली विकल्प

•    कम लागत वाली ढुलाई: वर्तमान में सबसे अधिक माल ढुलाई रेलमार्ग से होती है, जिसकी लागत प्रति टन प्रति किमी 1.60 रुपये होती है। जलमार्ग से यह खर्च मात्र 2 रुपये प्रति टन प्रति किमी तक होगा, और जैसे-जैसे माल की ढुलाई बढ़ेगी, यह लागत और कम हो सकती है।

•    रेल और सड़क से सस्ता: नदियों के जरिए माल ढुलाई ट्रेन से भी 30 पैसे सस्ती पड़ेगी, जो परिवहन लागत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

•    प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल: जलमार्ग पर माल ढुलाई में तेल का खर्च भी कम होता है। सड़क और रेल के मुकाबले, जलमार्ग द्वारा एक लीटर ईंधन से अधिक माल ढुलाई की जा सकती है।

क्रूज पर्यटन: उत्तर प्रदेश का नया आकर्षण

उत्तर प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, नदियों में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना है।

  • नए पर्यटन स्थल: वाराणसी से हल्दिया, असि घाट से नमो घाट तक, और चुनार तक पर्यटकों के लिए विशेष क्रूज सेवाएं चलाई जा रही हैं। इस पहल से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की नयी संभावनाएँ खुल रही हैं।
  • प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव: पर्यटक गंगा और अन्य नदियों के शांत और सुंदर वातावरण में क्रूज यात्रा कर सकते हैं। इन क्रूज़ों में शाही माहौल, गंगा आरती का अनुभव, और राज्य के सांस्कृतिक रंगों का आनंद लिया जा सकता है।

जलमार्ग के विकास के लिए सरकार का संकल्प

  • प्राधिकरण का गठन: उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी है, जिससे जलमार्ग के संचालन, विकास और व्यापारिक गतिविधियों को एक सशक्त रूप मिलेगा।
  • विश्व बैंक का सहयोग: जलमार्गों के विकास के लिए विश्व बैंक ने भी सहयोग देने का वादा किया है, जिससे यूपी की नदियों को जलमार्ग के रूप में विकसित करना और भी आसान हो जाएगा।

जलमार्ग से माल ढुलाई पर सरकार का फोकस

केंद्र और राज्य सरकारें जलमार्ग के माध्यम से माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चला रही हैं, जिसमें प्रमुख योजना 'जलवाहक' है। इसके तहत 300 किमी से अधिक दूरी तक माल ढुलाई पर 35% तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। यह योजना माल ढुलाई को सस्ता और पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल बनाएगी।

नदियों के जलमार्ग के विकास के लाभ

•    लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर: जलमार्ग के विकास से स्थानीय समुदायों, छोटे किसानों, कारीगरों और मछुआरों को रोजगार मिल सकता है।

•    पर्यटन और माल ढुलाई में वृद्धि: नदियों पर क्रूज चलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं माल की ढुलाई के लिए नया विकल्प मिलने से उद्योगों को भी लाभ होगा।

जलमार्ग के विकास के साथ बढ़ेगी लॉजिस्टिक क्षमता

भारत में माल ढुलाई की लागत में कमी लाने के लिए जलमार्ग की भूमिका अहम होगी। यदि जलमार्गों से माल ढुलाई को प्रोत्साहित किया जाता है, तो भारत का लॉजिस्टिक खर्च 9% तक आ सकता है, जो अब 14-16% है।

नदियों के जलस्तर पर आधारित चुनौतियाँ और समाधान

गंगा और अन्य नदियों में माल ढुलाई के लिए नदी की गहराई और चौड़ाई का विशेष ध्यान रखना होगा। गंगा के उदाहरण से यह देखा जा सकता है कि नदी की गहराई 1.20 मीटर से अधिक होनी चाहिए, तभी 300 मीट्रिक टन का माल आसानी से ढोया जा सकता है। इसके लिए सरकार ड्रेजिंग का काम कर रही है ताकि जलमार्ग की क्षमता को बढ़ाया जा सके।

स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बेहतर नेटवर्क

•    मल्टी-मॉडल टर्मिनल: वाराणसी, हल्दिया और साहिबगंज में मल्टी-मॉडल टर्मिनल बनाए गए हैं, जो क्रूज और मालवाहन जहाजों के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करते हैं।

•    रेलवे कनेक्टिविटी: वाराणसी के रामनगर में मल्टी मॉडल टर्मिनल को ट्रेन से जोड़ने की योजना है, जिससे जलमार्ग और रेलवे के बीच बेहतर संपर्क स्थापित हो सके।

स्मार्ट गंगा क्रूज सेवाएं

वाराणसी से हल्दिया के बीच "जय गंगा विलास" जैसे क्रूज़ की शुरुआत हुई है, जिससे पर्यटकों को शानदार अनुभव मिल रहा है। इसके अलावा, प्रदेश में गंगा के अलावा अन्य 10 नदियों में भी पर्यटन आधारित क्रूज़ सेवाओं की योजना है, जिससे पर्यटकों के लिए और भी आकर्षक पैकेज उपलब्ध होंगे।

जलमार्ग के विकास से यूपी में सस्ता परिवहन और नए पर्यटन अवसर

उत्तर प्रदेश में जलमार्ग के विकास के जरिए न केवल माल ढुलाई में लागत में कमी आएगी, बल्कि पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। सरकार द्वारा की गई योजनाओं से राज्य की नदियाँ एक नए युग में प्रवेश करेंगी, जो आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से लाभकारी साबित होंगी।

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