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सबसे उम्रदराज मादा हिमालयन काले भालू में से एक रही लखनऊ चिड़ियाघर की निवासी चमेली भालू का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। बताया जा रहा है कि बीते दिनों देर रात बुढ़ापा से जुड़ी कार्डियो श्वसन विफलता के कारण चमेली की मौत हो गयी। इस भालू को वृन्दावन के वीणा कमल मोबाइल चिड़ियाघर से पकड़ा गया गया था और 3 मार्च 1998 को लखनऊ शहर के नवाब वाजिद अली शाह चिड़ियाघर में लाया गया था।
लखनऊ चिड़ियाघर की निदेशक अदिति शर्मा के दिए गए बयान के मुताबिक यह मादा भालू दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय थी। बीते दिनों चमेली ने अचानक खाना-पीना बंद कर दिया था। जिसके बाद उसे लखनऊ चिड़ियाघर में बने अस्पताल में रखकर इलाज किया जा रहा था। इसके बावजूद उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और बीते शनिवार को उसकी मौत हो गई। अभी चमेली की उम्र 35 से 40 साल के बीच थी। पोस्टमार्टम में उसकी मौत का कारण अधिक उम्र के कारण दिल का दौरा पड़ना पाया बताया गया।
हिमालयी काला भालू
आपको बता दें कि उरसस तिबेतानस लैनिगर (Ursus thibetanus laniger) वैज्ञानिक नाम वाले हिमालयन काले भालू भारत, भूटान, नेपाल, तिब्बत और पाकिस्तान के हिमालय क्षेत्रों में मिलते हैं। यह एशियाई काले भालू की एक उपजाति है। मनुष्यों के संपर्क से बचने के लिए ये रात्रिचर होते हैं। हालाँकि यह भालू मुख्य रूप से शाकाहारी होते हैं जो घास, जड़ी-बूटियाँ, फल, बलूत का फल, पाइन नट्स, लार्वा, अकशेरुकी, दीमक, छोटे स्तनधारी, अंडे, मधुमक्खियाँ और शहद सहित नट्स खाते हैं लेकिन भोजन न मिलने पर यह सर्वाहारी हो जाते हैं। यह मांस भी खाने लगते हैं साथ ही भेड़, बकरियों और मवेशियों का शिकार भी करने लगते हैं। भालू की इस प्रजाति को साल 1977 से संरक्षित करने के लिए IUCN की रेड लिस्ट में असुरक्षित (vulnerable) केटेगरी में सूचीबद्ध यानि listed किया गया है।
Baten UP Ki Desk
Published : 4 September, 2023, 11:12 am
Author Info : Baten UP Ki