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लखनऊ में डेंगू के मामलों में पिछले कुछ दिनों में तेजी आई है। केवल 24 घंटों में 25 नए केस सामने आए हैं। इस साल डेंगू के कुल 309 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। बीते 17 सितम्बर को फैजुल्लागंज निवासी 58 वर्षीय एक महिला की डेंगू से मौत हो गई। कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव थी, लेकिन महिला पहले से कई बीमारियों से जूझ रही थी। यह एक गंभीर उदाहरण है कि कैसे डेंगू कमजोर शरीर को और भी ज्यादा प्रभावित कर सकता है। इस बीमारी में सबसे ज्यादा खतरा तब होता है जब मरीज डेंगू शॉक सिंड्रोम से पीड़ित होता है।
क्या होता है डेंगू शॉक सिंड्रोम?
डेंगू शॉक सिंड्रोम, डेंगू का एक गंभीर रूप है, जिसमें तेज बुखार और शरीर के कई हिस्सों से खून बहना शुरू हो जाता है। इससे शरीर की संचार प्रणाली को नुकसान पहुंचता है और यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह सदमे, तेज ब्लीडिंग और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है। डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लड वेसल्स कमजोर हो जाती हैं, जिससे शरीर के अंदर ब्लीडिंग और ऑर्गन फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
आसपास के जिलों में एक गंभीर बीमारी चिंता का विषय-
इस समय लखनऊ और आसपास के जिलों में एक गंभीर बीमारी चिंता का विषय बनी हुई है, वो है-डेंगू। हाल ही में लखनऊ में डेंगू का प्रकोप तेज हो गया है और इसका सबसे खतरनाक रूप, डेंगू शॉक सिंड्रोम अब सामने आ रहा है। आइए जानते हैं कि डेंगू क्या है, इसके लक्षण, इसके खतरनाक प्रभाव और इससे बचाव के तरीके।
डेंगू के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
हालांकि, डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण और भी गंभीर होते हैं, जिसमें:
OPD में रोज आ रहे हैं हजारों मरीज-
मौजूदा हालातों की बात करें तो लखनऊ के अस्पतालों में बुखार रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर रोज़ अस्पतालों की OPD में करीब 2000 मरीज आ रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में लोग बुखार और डेंगू के लक्षणों से पीड़ित हैं। बलरामपुर अस्पताल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल जैसे प्रमुख सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि डेंगू से घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन रोकथाम और समय पर इलाज ज़रूरी है।
विशेषज्ञों का क्या है मानना?
विशेषज्ञों के अनुसार, शुगर के मरीजों को डेंगू से अधिक खतरा होता है। अनियंत्रित ब्लड शुगर के कारण डेंगू शॉक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। इससे उनके शरीर में तेज बुखार, लिवर को नुकसान और गंभीर ब्लीडिंग का खतरा होता है। डायबिटीज के मरीजों को हल्का बुखार आने पर भी इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। अब बात करते हैं कि हम डेंगू से कैसे बच सकते हैं। जैसा कि हम जानते हैं, डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर की खासियत यह है कि यह साफ पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है। तो डेंगू से बचने के लिए कुछ उपाय हैं:
1. घर के आस-पास पानी जमा न होने दें– खासकर गमलों, कूलरों और टंकी में।
2. फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें – ताकि मच्छर काट न सकें।
3. मच्छरदानी का उपयोग करें – विशेषकर रात को सोते समय।
4. मच्छर भगाने वाले क्रीम या स्प्रे का उपयोग करें।
5. घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें – ताकि मच्छर अंदर न आ सकें।
6. मच्छरों के प्रजनन को रोकें – अपने आस-पास सफाई रखें और कहीं भी पानी जमा न होने दें।
डेंगू से बरतें सावधानी-
डेंगू का पता ब्लड टेस्ट से लगाया जाता है। डेंगू एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर सावधानी बरतने और सही इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें डेंगू के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से समय पर सलाह लेनी चाहिए। साथ ही, मच्छरों से बचने के उपायों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
Baten UP Ki Desk
Published : 26 September, 2024, 5:27 pm
Author Info : Baten UP Ki