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जनहित को ध्यान में रखते हुए मेरठ विकास प्राधिकरण (MEDA) की हालिया बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। सबसे बड़ा निर्णय यह है कि अब मेरठ जिले में 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के लिए "वाइट रूफिंग" यानी सफेद छत बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस फैसले का मकसद है भवनों के तापमान को कम करना और बिजली की बचत करना।
क्या है वाइट रूफिंग तकनीक?
वाइट रूफिंग एक आधुनिक और पर्यावरण हितैषी तकनीक है, जिसमें छत की सतह को सफेद या हल्के रंग की सामग्री से ढका जाता है या उस पर सफेद रंग किया जाता है। इसका सीधा असर भवन की गर्मी सोखने की क्षमता पर पड़ता है। इससे न सिर्फ घर ठंडा रहता है बल्कि एसी या कूलर जैसे उपकरणों पर निर्भरता भी घटती है। इससे बिजली की बचत होती है और लंबे समय में भवन की उम्र भी बढ़ती है।
मानचित्र पास कराने के लिए अब देना होगा एफिडेविट और एफडीआर
अब यदि कोई व्यक्ति 300 वर्ग मीटर से बड़ा भवन बनाना चाहता है तो उसे भवन मानचित्र पास कराते समय वाइट रूफिंग कराने का शपथ पत्र (एफिडेविट) देना होगा और साथ ही एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद) भी जमा करनी होगी। भवन तैयार होने के बाद जब भवन स्वामी यह प्रमाणित करेगा कि वाइट रूफिंग नियम का पालन किया गया है, तब उसे एफडीआर वापस कर दी जाएगी।
ओटीएस योजना भी जल्द होगी लागू
प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में जिन लोगों का अनुरक्षण शुल्क (maintenance fee) लंबे समय से बकाया है, उन्हें राहत देने के लिए एकमुश्त समाधान योजना (OTS) भी जल्द लागू की जाएगी। इस योजना के तहत ब्याज में छूट दी जाएगी।
किसानों को मिलेगा मुआवजा, बनी समिति
लोहियानगर, वेदव्यासपुरी और गंगानगर क्षेत्रों के किसानों को अतिरिक्त प्रतिकर देने के फैसले पर भी आगे बढ़ते हुए, अब 5.62 अरब रुपये की बकाया राशि के भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके लिए एडीएम भूमि अध्याप्ति की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें प्राधिकरण के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। समिति को दो महीने में रिपोर्ट देने का समय दिया गया है।
नमो भारत कॉरिडोर को मिलेगी रफ्तार
दिल्ली रोड और रुड़की रोड पर नमो भारत कॉरिडोर की सफलता के लिए तैयार किए गए नौ ज़ोनल प्लान को बोर्ड से स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि बाकी छह प्लान को अगली बैठक में रखा जाएगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 17 April, 2025, 6:08 pm
Author Info : Baten UP Ki