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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिला है। हाल ही में त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने उन्हें अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' प्रदान किया। इससे ठीक दो दिन पहले, घाना ने भी उन्हें 'ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' सम्मान से नवाजा। इन सम्मानों के साथ ही पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी को कुल 25 अंतरराष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार मिल चुके हैं — जो न केवल उनकी वैश्विक स्वीकार्यता का प्रतीक हैं, बल्कि भारत की कूटनीतिक और सांस्कृतिक ताकत को भी दर्शाते हैं।
पहला प्रधानमंत्री जिन्हें इतनी संख्या में अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले
पीएम मोदी ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं जिन्हें इतनी बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक सम्मान प्राप्त हुए हैं। यह सम्मान न केवल उनके नेतृत्व की वैश्विक सराहना है, बल्कि भारत के बढ़ते प्रभाव और प्रतिष्ठा का भी प्रमाण है।
कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मान जो पीएम मोदी को मिले:
सऊदी अरब (2016): किंग अब्दुलअज़ीज़ सैश
अफगानिस्तान (2016): गाज़ी अमीर अमानुल्लाह खान
यूएई (2019): ऑर्डर ऑफ ज़ायद
रूस (2019): ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल
मालदीव, बहरीन, अमेरिका, भूटान (2019-21): विभिन्न सर्वोच्च नागरिक सम्मान
मिस्र, फ्रांस, ग्रीस (2023): ऑर्डर ऑफ नाइल, ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर, और अन्य
डोमिनिका, नाइजीरिया, गुयाना, बारबाडोस, कुवैत (2024): कई विशिष्ट पुरस्कार
मॉरिशस, श्रीलंका, साइप्रस, घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो (2025): हालिया सम्मान जिनमें से कई पहली बार किसी भारतीय नेता को प्रदान किए गए
पहली बार किसी विदेशी नेता को त्रिनिदाद एंड टोबैगो का सर्वोच्च सम्मान
विशेष बात यह है कि त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने यह सम्मान किसी विदेशी नेता को पहली बार दिया है। यह भारत और कैरेबियाई देशों के बीच गहरे होते संबंधों को दर्शाता है।
भारत की वैश्विक भूमिका का प्रतीक
इन पुरस्कारों से स्पष्ट है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत न केवल वैश्विक मंचों पर मुखर हुआ है, बल्कि रणनीतिक साझेदारियों और सांस्कृतिक रिश्तों को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनकी "सबका साथ, सबका विकास" की नीति अब "सबका साथ, वैश्विक विकास" का स्वरूप ले चुकी है।
दुनिया ने माना भारत का नेतृत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले ये 25 अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मान न केवल एक नेता की उपलब्धि हैं, बल्कि भारत की सशक्त विदेश नीति, सांस्कृतिक प्रभाव और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका के प्रमाण हैं। आने वाले वर्षों में यह सूची और भी लंबी हो सकती है — क्योंकि आज भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक वैश्विक भावना बन चुका है।
Baten UP Ki Desk
Published : 5 July, 2025, 3:44 pm
Author Info : Baten UP Ki