मंगलवार को लखनऊ के प्रतिष्ठित होटल मैरियट में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) एक निर्णायक बैठक आयोजित करने जा रही है। इस विशेष बैठक में मुस्लिम समुदाय के प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधि और वक्फ बोर्ड के सदस्य अपने विचार साझा करेंगे। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड भी इस विधेयक पर अपने पक्ष को मजबूती से पेश करेंगे, जिससे यह चर्चा और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
जेपीसी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर विमर्श-
जेपीसी की अध्यक्षता सांसद जगदम्बिका पाल कर रहे हैं, और समिति देशभर में मुस्लिम समुदाय के विभिन्न वर्गों से सुझाव प्राप्त कर रही है। इस बैठक का उद्देश्य वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर व्यापक चर्चा करना है, ताकि विधेयक के सभी पहलुओं पर विभिन्न समुदायों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखा जा सके।
संशोधन विधेयक पर मुस्लिम संगठनों की सक्रिय भागीदारी-
बैठक में प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कार्य विभाग, विधि व न्याय मंत्रालय के प्रतिनिधि और अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य भी शामिल होंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी और मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली जैसे प्रमुख मुस्लिम प्रतिनिधि भी अपनी राय देंगे।
उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्ति का महत्वपूर्ण स्थान-
उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की संख्या सबसे अधिक है, जिससे राज्य का महत्व इस विधेयक पर विशेष हो जाता है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी ने केंद्र सरकार की नीयत पर कोई संदेह न जताते हुए मुसलमानों के हक में उचित निर्णय की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि मोदी-योगी सरकार ने पूर्व सरकारों द्वारा किए गए कामों को सुधारने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
पिछला दौर और आगामी निर्णय-
यह जेपीसी का लखनऊ में दूसरा दौरा है। इससे पहले अगस्त 2024 में भी समिति ने लखनऊ में मुस्लिम संगठनों से वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर उनके विचार पूछे थे। यह नई बैठक आगामी निर्णयों और विधेयक की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।