लखनऊ में डेंगू का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। बीते 24 घंटे में 25 नए डेंगू के मामले सामने आए हैं, जिससे शहर में इस बीमारी का डर और बढ़ गया है। बुधवार को बलरामपुर और अन्य अस्पतालों में 2000 से ज्यादा लोग बुखार और अन्य लक्षणों के साथ पहुंचे। इनमें से ज्यादातर लोग बुखार से पीड़ित थे।
पहली मौत से फैला डर-
शहर में मंगलवार को डेंगू से पहली मौत दर्ज की गई। 58 वर्षीय महिला, जो फैजुल्लागंज क्षेत्र की रहने वाली थी, ने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। डेंगू के कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट में महिला पॉजिटिव पाई गई थी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महिला की मृत्यु का कारण मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर था, और वह पहले से ही कई बीमारियों से ग्रस्त थीं।
लंबे समय से थी बीमार-
फैजुल्लागंज के प्रीतिनगर की निवासी सामंती देवी, जो पेशे से राजमिस्त्री शिवशंकर की पत्नी थीं, पिछले 7-8 दिनों से बुखार की चपेट में थीं। नजदीकी क्लीनिक से इलाज लेने के बाद भी उन्हें आराम नहीं मिला, जिसके बाद उन्हें होपवेल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डेंगू के कार्ड टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन उनकी स्थिति बिगड़ने पर उन्हें दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
लाखों रुपये खर्च, फिर भी नहीं बची जान-
परिजनों ने सामंती देवी को इलाज के लिए दो अलग-अलग निजी अस्पतालों में भर्ती कराया, लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली। दोनों अस्पतालों ने इलाज का भारी-भरकम बिल बना दिया, पर मरीज की जान नहीं बच पाई। परिजनों ने होपवेल अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है, क्योंकि एलाइजा टेस्ट नहीं किया गया था।
स्वास्थ्य विभाग की सफाई-
लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि सामंती देवी को सांस लेने में दिक्कत के साथ कई अन्य बीमारियां थीं। हालांकि उनका डेंगू कार्ड टेस्ट पॉजिटिव आया था, लेकिन मौत की वजह मल्टी ऑर्गन फेल्योर थी।
डेंगू के केस में इजाफा: 24 घंटे में 25 नए मरीज-
पिछले 24 घंटे में लखनऊ में 25 नए डेंगू मरीज मिले हैं, जो कि इस साल की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहले 21 सितंबर को 24 नए मामले दर्ज हुए थे। अब तक इस साल जिले में कुल 309 डेंगू मरीज पाए जा चुके हैं।
मलेरिया के भी बढ़ रहे केस-
डेंगू के साथ-साथ मलेरिया के भी केस बढ़ रहे हैं। मंगलवार को शहर के विभिन्न इलाकों से मलेरिया के 6 नए मरीज सामने आए। इनमें से 5 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। अब तक इस साल मलेरिया के 386 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
अस्पतालों में बुखार रोगियों की भीड़-
लखनऊ के अस्पतालों में बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हर दिन 2000 से ज्यादा लोग बुखार की शिकायत लेकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। अकेले शहर के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों की OPD में 800 से अधिक बुखार रोगी रोज़ाना पहुंच रहे हैं। इनमें से कई मरीजों की जांच की जा रही है, और गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
अस्पतालों में बेड की कमी-
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में डेंगू के 24 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 8 बेड महिलाओं के लिए, 8 बेड पुरुषों के लिए, और 8 बेड बच्चों के लिए रिजर्व किए गए हैं। अब अस्पताल में नए बेड की व्यवस्था की जा रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्थिति अभी पैनिक वाली नहीं है, लेकिन लोगों को डेंगू से बचाव के लिए सतर्क रहना होगा।
बलरामपुर अस्पताल में 100 से ज्यादा मरीज भर्ती
लखनऊ के सबसे बड़े जिला अस्पताल बलरामपुर में 115 से अधिक बुखार से पीड़ित मरीज भर्ती हैं। इनमें से कई मरीजों में वायरल फीवर, मलेरिया, और टायफाइड के लक्षण हैं। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि मरीजों की हालत स्थिर है और 3 से 4 दिन के बाद उन्हें आराम मिलने पर डिस्चार्ज किया जा रहा है।
डेंगू से बचाव के उपाय-
डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि लोग घरों और आसपास के इलाकों में साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें, और मच्छरों से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और खुद से दवा न लें। जांच में लापरवाही न करें, क्योंकि समय पर इलाज से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।