लखनऊ में शुक्रवार को UPSSSC के अभ्यर्थियों ने पिकअप भवन के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। वे आयोग के कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए, जिससे वहां माहौल तनावपूर्ण हो गया। जब पुलिस ने उन्हें गेट से हटने के लिए कहा, तो अभ्यर्थियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस हंगामे के चलते पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देना पड़ा।
पुलिस कार्रवाई से नाराज हुए प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने उन्हें खींचकर बसों में बैठाया और इको गार्डन भेज दिया। अभ्यर्थियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह लगातार दावा कर रही है कि 6 महीनों में सभी वैकेंसी पूरी की जाएंगी, लेकिन आयोग की सुस्ती के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
भर्ती प्रक्रियाओं में देरी का आरोप
अभ्यर्थियों ने बताया कि आयोग की ओर से न तो परीक्षा कैलेंडर जारी किया जा रहा है और न ही परीक्षा तिथियों का ऐलान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कई परीक्षाएं और साक्षात्कार होने के बावजूद, आयोग पिछले 5 सालों से इस प्रक्रिया को रोककर बैठा है।
2016 से परिणामों का लंबा इंतजार
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि आयोग उनके साथ अत्याचार कर रहा है। वे यह मांग कर रहे हैं कि 2020 से अब तक की परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया जाए और 2016 से अब तक हुई परीक्षाओं के परिणाम भी घोषित किए जाएं।
विभिन्न पदों के लिए परीक्षा तिथियों की मांग
प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थी शुभम सिंह ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए हैं और ग्राम पंचायत अधिकारी, X-Ray टेक्नीशियन, कनिष्ठ सहायक, प्रवर्तन कांस्टेबल, लेखा परीक्षक समेत अन्य पदों की परीक्षा तिथियों की मांग कर रहे हैं।
महा आंदोलन की चेतावनी
अभ्यर्थी शुभम ने कहा, "हमारी मांग है कि सभी भर्तियों की प्रक्रिया 9 महीने में पूरी की जाए। हम लोग इस लड़ाई को जारी रखेंगे और अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम महा आंदोलन करेंगे।" उन्होंने कहा कि अधिकांश अभ्यर्थी ओवर ऐज हो रहे हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।