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सूर्य के रहस्यों का खुलासा करने के लिए तैयार इसरो, प्रोबा-3 सोलर मिशन जल्द होगा लॉन्च!

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक नई ऊंचाई की ओर कदम बढ़ाते हुए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के Proba-3 सौर मिशन को अपनी PSLV-C59 रॉकेट के जरिए लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह ऐतिहासिक मिशन 4 दिसंबर, 2024 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम 4:08 बजे IST पर अपनी यात्रा शुरू करेगा, जो ISRO की अंतरिक्ष में नई उपलब्धियों की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

Proba-3 मिशन: एक अनूठा इन-ऑर्बिट प्रदर्शन-

Proba-3 ESA की Proba श्रृंखला का सबसे नया मिशन है, और यह 'सटीक संरचना उड़ान' का प्रदर्शन करेगा। इस मिशन में दो उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा, जो अंतरिक्ष में एक विशेष विन्यास में उड़ान भरेंगे। यह प्रदर्शन भविष्य के मल्टी-सैटेलाइट मिशनों के लिए नई तकनीकों का परीक्षण करेगा।

सूर्य के रहस्यों का खुलासा-

Proba-3 मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के बाहरी वायुमंडल, जिसे कोरोना कहा जाता है, का अध्ययन करना है। इस अध्ययन के लिए कोरोनाग्राफ और ऑकुल्टर स्पेसक्राफ्ट एक साथ मिलकर काम करेंगे, जो सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करेंगे और कोरोना के विश्लेषण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें प्रदान करेंगे। यह वैज्ञानिकों को सूर्य के कोरोनाग्राफ के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा, जिसे पहले केवल प्राकृतिक ग्रहण के दौरान ही देखा जा सकता था।

मूल उपकरण और वैज्ञानिक लक्ष्य-

Proba-3 में तीन प्रमुख उपकरण होंगे:

  • ASPIICS कोरोनोग्राफ: यह सूर्य के बाहरी और आंतरिक कोरोना का अध्ययन करेगा।
  • DARA: यह सूर्य के कुल ऊर्जा उत्पादन को मापेगा।
  • 3DEES: यह अंतरिक्ष मौसम पर सौर घटनाओं के प्रभावों को मापने के लिए इलेक्ट्रॉन प्रवाह का विश्लेषण करेगा।

PSLV-C59 रॉकेट: ISRO की मजबूती का प्रतीक-

PSLV-C59 रॉकेट पर Proba-3 मिशन, ISRO की 61वीं उड़ान होगी और यह PSLV-XL कॉन्फ़िगरेशन के साथ 26वीं उड़ान होगी। यह प्रक्षेपण ISRO की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं को दर्शाता है, और यह पुष्टि करता है कि ISRO का PSLV रॉकेट जटिल कक्षीय डिलीवरी के लिए अत्यधिक विश्वसनीय है।

आदित्य एल1 और Proba-3 का संभावित सहयोग-

भारत ISRO और ESA की Proba-3 टीम के साथ बैठक करेगा, ताकि दोनों मिशनों के डेटा का उपयोग करके सूर्य और अंतरिक्ष मौसम पर सहयोगात्मक अनुसंधान किया जा सके। इस कदम से सौर अध्ययन में और प्रगति को बढ़ावा मिलेगा, और दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक साझेदारी को नया आयाम मिलेगा। ISRO का Proba-3 मिशन न केवल भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को प्रकट करता है, बल्कि यह सूर्य के रहस्यों को उजागर करने और अंतरिक्ष मौसम के अध्ययन में नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

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