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बड़े काम की हैं ये 4 साइट .... इसे ज़रूर जान लें

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दिवाली का त्यौहार अब बेहद करीब है। इसके लिए आप में से अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग भी जमकर कर रहे होंगे, लेकिन ज़रा ठहरिये! क्योंकि कुछ सावधानी बहुत ज़रूरी है। जी हाँ, जैसे ही आप कोई ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट खोलते हैं या ऐप डाउनलोड करते हैं, आप साइबर अपराधियों के निशाने पर आ सकते हैं। खासकर तब, जब आपको कोई फर्जी ऑफर या भारी डिस्काउंट दिखाया जाता है। ये अपराधी आपकी निजी जानकारी, जैसे कि आपका पासवर्ड, बैंक डिटेल्स और यहाँ तक कि आपके फोटो का भी गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। और इस तरह की सभी गतिविधियां साइबर अपराध के दायरे में आती हैं। 

क्या कहते हैं भारतीय साइबर अपराध के आंकड़े? 

आसान भाषा में समझें तो साइबर अपराध ऐसे अपराध होते हैं जो इंटरनेट या किसी कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल करके किए जाते हैं। ये अपराध आपके पैसे, निजी जानकारी या आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं । इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने कहा कि मई 2024 में, प्रतिदिन औसतन 7,000 साइबर अपराध शिकायतें दर्ज की गईं । ये 2021 से 2023 के बीच की अवधि के मुकाबले 113.7 प्रतिशत की सिग्नीफिकेंट वृद्धि और 2022 से 2023 तक 60.9 प्रतिशत की वृद्धि है।

साइबर क्राइम कई तरीके से हो सकते हैं जैसे-

1-फिशिंग :

इसमें क्रिमिनल्स आपको फर्जी ईमेल या संदेश भेजेते हैं, जो होते तो फ़र्ज़ी हैं लकिन बिलकुल असली जान पड़ते हैं। इनमें अक्सर 'फ्री गिफ्ट' या 'भारी डिस्काउंट' जैसी चीजें बताई जाती हैं, ताकि आप लिंक पर क्लिक कर दें। लेकिन जैसे ही आप क्लिक करते हैं, आपकी जानकारी जैसे कि पासवर्ड और बैंक डिटेल्स चुरा ली जाती हैं।

2-मैलवेयर :

कई बार आपको लगता है कि आपने बहुत सस्ती डील पकड़ी है और एक नई ऐप डाउनलोड कर लेते हैं। लेकिन ये ऐप असल में एक मैलवेयर हो सकता है, जो आपकी जानकारी को चुपके से चुराने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। खासकर वो APK फाइलें, जो गूगल प्ले स्टोर के बाहर से डाउनलोड की जाती हैं, उनमें ये खतरा ज्यादा होता है।

3-आईडी चोरी :  

सोचिए, अगर किसी ने आपकी पहचान चुराकर आपके नाम पर कोई बड़ा कर्ज़ ले लिया तो? यह साइबर अपराधियों का एक और तरीका है जिसमें वे आपकी आधार, पैन कार्ड या बैंक अकाउंट जैसी जानकारी को चुराकर आपके नाम पर वित्तीय धोखाधड़ी कर सकते हैं।

साइबर अपराधों से कैसे बचें...यह भी जानना बेहद जरूरी है-

  • सबसे पहले तो फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहें : हमेशा उन वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें, जो सुरक्षित हैं और जिनके URL में "https" होता है। अगर कोई वेबसाइट बहुत सस्ता ऑफर दे रही है और वो वास्तविक नहीं लग रही, तो उससे बचें।
     
  • एपीके फाइल्स न डाउनलोड करें : दीवाली की भारी छूट या फ्री गिफ्ट्स के लालच में फर्जी एप्लीकेशन (APK) फाइल्स कभी डाउनलोड न करें। यह आपके फोन को खतरे में डाल सकता है।
  • मजबूत पासवर्ड बनाएं :  अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें। कोशिश करें कि आपके पासवर्ड में अक्षर, अंक और खास सिंबल हों। पासवर्ड को नियमित रूप से बदलते रहें और अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग पासवर्ड का उपयोग करें।
  • एंटीवायरस का उपयोग करें : अपने फोन और कंप्यूटर में एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर जरूर इंस्टॉल करें और उसे हमेशा अपडेट रखें। इससे आपका फोन और डेटा सुरक्षित रहेगा।

वहीं कई ऐसी सरकारी वेबसाइटें भी जो आपको साइबर अपराध का शिकार होने से बचा सकतीं हैं -

1. टैफकॉप (tafcop.sancharsarthi.gov.in) : इस वेबसाइट से आप देख सकते हैं कि आपके आधार से कितने मोबाइल नंबर जुड़े हैं। अगर कोई फर्जी नंबर आपके आधार से लिंक है, तो आप उसे तुरंत डी-लिंक कर सकते हैं।

2. चक्षु पोर्टल (chaksu.sancharsarthi.gov.in) : अगर आपको किसी संदिग्ध नंबर से कॉल या मैसेज मिलते हैं, तो आप इस पोर्टल पर जाकर उस नंबर को रिपोर्ट कर सकते हैं और उसे ब्लॉक करवा सकते हैं।

3. यूआईडीएआई (uidai.gov.in) :  यहाँ आप अपने आधार कार्ड को सुरक्षित रखने के लिए मास्क आधार कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। इससे आपकी पहचान सुरक्षित रहती है।

4. स्टॉप एनसीआईआई (stopncii.org) : अगर आपकी निजी तस्वीर को किसी ने बिना आपकी अनुमति के शेयर किया है, तो आप इस पोर्टल पर जाकर रिपोर्ट कर सकते हैं, और 48 घंटों के अंदर आपकी तस्वीर को इंटरनेट से हटा दिया जाएगा।

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