फोर्ब्स के अनुसार, यह दावा कि यह परेड 396 अरब साल में पहली बार हो रही है, गलत है। यूनिवर्स की उम्र 13.8 अरब साल है, और यह घटना इतनी पुरानी नहीं हो सकती। यह दावा 1997 में एक किताब में किया गया था, लेकिन अब यह वैज्ञानिक रूप से खारिज कर दिया गया है।
क्या है असल में-
ग्रहों का एक साथ आना कोई अजीब या असामान्य घटना नहीं है, लेकिन यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जो कई वर्षों में होती है। पिछली बार यह परेड 28 अगस्त 2024 को हुई थी, जब कुछ ग्रहों ने एक लाइन में आकर आकाश में एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत किया
28 मार्च 2023 की खगोलीय शोभा:
पांच ग्रहों की अद्भुत कतार-
28 मार्च 2023 को, आकाश में पांच ग्रह – शुक्र, मंगल, बृहस्पति, बुध (मर्करी) और यूरेनस – एक ही लाइन में नजर आए थे। यह शानदार दृश्य भारत सहित कई देशों में सामान्य आँखों से देखा जा सका। इस खगोलीय परेड में शुक्र ग्रह सबसे चमकीला था, जो बुध के ऊपर टिमटिमा रहा था, एक यादगार और दुर्लभ नजारा।
क्या प्लैनेट परेड से पृथ्वी को नुकसान होगा?
कोई खतरा नहीं-
प्लैनेट परेड से सोलर सिस्टम को कोई नुकसान नहीं होता। यह एक अस्थायी घटना है, जो ग्रहों के एक साथ आने से होती है। ग्रहों के ऑर्बिट बेहद स्थिर होते हैं और इनकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी अधिक नहीं होती कि वे एक-दूसरे को प्रभावित कर सकें। सभी ग्रह एक-दूसरे से अरबों किलोमीटर दूर होते हैं, इसलिए इस परेड का पृथ्वी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।